
गिरिडीह : अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ के आह्वाहन पर बुधवार को भारतीय जीवन बीमा निगम गिरिडीह शाखा के कर्मचारियों ने शाखा कार्यालय गेट पर भोजन अवकाश के समय गेट मीटिंग आयोजित किया।
गेट मीटिंग को संबोधित करते हुए सचिव धर्म प्रकाश ने कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम भारत की सबसे मजबूत और सुदृढ़ वित्तीय संस्था है। एलआईसी महज 5 करोड़ की पूंजी से 1956 में अपनी शुरुआत करते हुए 32 लाख करोड़ पूंजी के साथ मजबूती से खड़ी है। देश का बजट खर्च जिसमें शिक्षा स्वास्थ्य, रक्षा, सड़क, रेलवे, ऊर्जा, कृषि है का 25% एलआईसी से आता है। यह आम जनता का पैसा है जो छोटी-छोटी बचतों के रूप में एलआईसी के पास जमा होता है और देश के आधारभूत संरचना के विकास में लगता है।
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निजीकरण करना कतई देश हित में नहीं

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एलआईसी की परिसंपत्तियां जो देश की जनता का है , उद्योगपतियों को देने की साजिश हो रही है। एलआईसी के हिस्से को आईपीओ के लिए शेयर बाजार में लिस्टिंग करने का मतलब इसके निजीकरण की तरफ बढ़ता पहला कदम है। अभी हाल के वर्षों में 1.50 लाख करोड़ रेलवे और आईडीबीआई बैंक को बचाने के लिए 12600 निवेश किया गया। ऐसे मजबूत वित्तीय संस्था का निजीकरण करना कतई देश हित में नहीं है।
इन्होंने लिया मीटिंग में भाग
मीटिंग में लक्ष्मी नारायण गुप्ता, संजय शर्मा, विजय कुमार, अनुराग मुर्मू, राजेश कुमार उपाध्याय, सुनील कुमार वर्मा, संहिता सरकार, कुमकुम बाला वर्मा, उमानाथ झा, दीपक कुमार पासवान, विनय कुमार, श्वेता कुमारी, अभय कुमार, डेनियल मरांडी, प्रीतम कुमार, नीतीश कुमार गुप्ता, सुकुमारी, गौरव सिंह, नीरज कुमार सिंह, प्रज्ञानंद, श्वेता, अंजलि, श्वेता, सबा परवीन, प्रवीण कुमार हांसदा, अनिल कुमार वर्मा, प्रीतम कुमार, संजय कुमार शर्मा, महेश्वरी वर्मा, प्रदीप कुमार समेत सभी कर्मचारियों ने भाग लिया।
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