Samridh Samachar
News portal with truth
- Sponsored -

- Sponsored -

नवरात्रि का दूसरा दिन, मां ब्रह्मचारिणी की होती है पूजा, जानें पूजा- विधि, मंत्र और महत्व

94
Below feature image Mobile 320X100

Chaitra Navratri 2022 : दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा का विधान है। मां दुर्गा का यह स्वरूप उस कन्या का है, जो देवों के देव महादेव को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप करती हैं। कठोर तप के कारण ही माता का नाम ब्रह्मचारिणी है। मां ब्रह्मचारिणी की विधि-विधान से पूजा करने पर सदैव विजय प्राप्त होती है।

मां का स्वरूप
मां ब्रह्मचारिणी सरल स्वभाव वाली हैं. मां के दाहिने हाथ में जप माला व बाएं हाथ में कमंडल है. मान्यता है कि यदि कोई भक्त मां भगवती के इस स्वरूप की आराधना करता है तो उसमें तप करने की शक्ति, त्याग, सदाचार, संयम और वैराग्य में वृद्धि होती है. जीवन के कठिन से कठिन संघर्ष में वो विचलित नहीं होता.

विज्ञापन

विज्ञापन

पूजा विधि
नवरात्रि के दूसरे माता दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप को अक्षत्, सिंदूर, धूप, गंध, पुष्प अर्पित करें. इसके बाद माता के मंत्र का उच्चारण करें. अंत में कपूर या गाय के घी से दीपक जलाकर उनकी आरती उतारें और शंखनाद के साथ घंटी बजाएं. मान्यता है कि पूरे विधि विधान से पूजा करने से माता प्रसन्न होती हैं भक्तों को आशीर्वाद देती हैं.

कथा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मां नव दुर्गा का दूसरा स्वरुप मां ब्रह्मचारिणी देवराज हिमालय और मैना की पुत्री हैं. इन्होंने देवर्षि नारद जी के कहने पर भगवान शंकर की ऐसी कठोर तपस्या की थी जिससे प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने इन्हें मनोवांछित वरदान दिया. जिसके फलस्वरूप यह देवी भगवान भोले नाथ की वामिनी अर्थात पत्‍‌नी बनी. जो व्यक्ति अध्यात्म और आत्मिक आनंद की कामना रखते हैं उन्हें इस देवी की पूजा से यह सब प्राप्त होता है. जो व्यक्ति भक्ति भाव और श्रद्धा से दुर्गा पूजा के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करते हैं उन्हें सुख और आरोग्य की प्राप्ति होती है और मन प्रसन्न रहता है. उसे किसी प्रकार का भय नहीं सताता है.

href="https://chat.whatsapp.com/IsDYM9bOenP372RPFWoEBv">

ADVERTISMENT

advt 2 <>

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Before Author Box 300X250