संजर इमाम
गिरिडीह : जिले का सदर प्रखंड ज़मीन संबंधित मामलों में इनदिनों लगातार सुर्खियां बटोर रहा है। बड़े पैमाने पर यहां ज़मीन उलटफेर का कारनामा संचालित हो रहा है। वहीं जिसकी लाठी उसकी भैंस की तर्ज पर खास सिंडिकेट गरीब गुरबों की आवाज को दबाकर तो कहीं इनको ढाल बनाकर अधिकारी से साठ गांठ कर इसका लाभ उठा रहा है। इसको लेकर कई मामले सामने आ चुके हैं।
अब आज की ही बात करें तो गुरुवार को दर्जनभर से अधिक महिला पुरूष प्रखंड सह अंचल कार्यालय पहुंचे और कार्यालय गेट पर धरना शुरू कर दिया। इनका आरोप था कि अंचलाधिकारी अवैध तरीके से एलपीसी निर्गत कर दे रहे हैं। जब हमारे वरीय संवाददाता ने इनसे जानकारी लेने की कोशिश की तो पता चला कि ये सभी पांडेयडीह के हैं और कृष्णा मरीक के ज़मीन संबंधित मामले को लेकर पहुंचे हैं।
वहीं कृष्णा मरीक का कहना था कि उन्होंने बुधवार को अपर समाहर्ता को आवेदन सौंपकर विपक्षी को एलपीसी निर्गत नहीं करने के लिए गिरिडीह सदर अंचल को आदेश प्रदान करने की मांग की थी। आवेदन में कृष्णा मरीक ने आरोप लगाया है कि पांडेयडीह मौजा में खाता नंबर 6 प्लॉट नंबर 391, 392 और 393 कुल रकबा 8.58 एकड़ जमीन उसके दादा झंडू मरीक ने 3 जुलाई 1935 को भूतपूर्व जमींदार बंगाल कॉल कंपनी से हासिल किया था।
वह जमींदार को कर देकर जमींदारी रसीद प्राप्त करते रहें तथा जमींदार भिष्ट होने के बाद झंडू मरीक का नाम गिरिडीह अंचल के पंजी टू में दर्ज हुआ तथा बिहार सरकार के बाद झारखंड सरकार को मालगुजारी देते हुए रसीद प्राप्त करते हुए दखल में चले आ रहे हैं।
कृष्णा मरीक का आरोप है कि विपक्षी माखनलाल जालान ने जाली कागजात से केवाला हासिल किया जो खाता नंबर 6 प्लॉट नंबर 381 तथा 382 रकबा 25 बीघा है। इस प्लॉट की जमीन पर अनेकों मकान बहुत पहले से बना हुआ है। जिसमें अनेक परिवार रह रहे हैं। इसी बीच मेरी जमीन खाली पाकर इसी को हड़पने की मंशा बनाकर प्लॉट सुधार हेतु आवेदन दिया। जिस पर अंचल अधिकारी रविंद्र कुमार सिन्हा ने 8 सितंबर को आदेश पारित किया जिसका केस संख्या है 06/ 2016-17 है। बताया कि इसके विरोध हमने एलडीसी कोर्ट में अपील फाइल किया तथा एक सिविल मुकदमा भी फाइल किया जिसका केस नंबर 140/2020 है जो मुंसिफ कोर्ट गिरिडीह में लंबित है। कृष्णा मरीक का आरोप है कि विपक्षी माखनलाल जालान के द्वारा अंचल गिरिडीह एलपीसी के लिए आवेदन दाखिल किया गया है। जिसे निर्गत करने की तैयारी चल रही है। कृष्णा कहना है कि सिविल मुकदमा और अपील का निर्णय नहीं हो जाता है तब तक विपक्षी को एलपीसी निर्गत नहीं किया जाए इसी के विरोध में वे सभी के साथ यहां पहुंचा है।
ये तो हुई कृष्णा मरीक की बात जो उन्होंने अपर समाहर्त्ता को आवेदन सौंपा है। मगर जिस तरह से लोग कृष्णा मरीक के समर्थन में आए उसके पीछे की वजह कुछ और ही सामने आई है। विश्वशनीय सूत्रों से मिली जानकारी के दरअसल यह पूरा खेल दो सिंडिकेट के बीच का लड़ाई है। बता दें इससे पूर्व भी यह मामला उठ कर ठंडे बस्ते में चला गया था
मिली जानकारी के अनुसार इस जमीन पर भू माफ़ियाओं की गिद्ध दृष्टि थी। जिसमें दो सिंडिकेट काम कर रहा है। जिसमें एक सेटिंग के बल पर ज़मीन पर कब्जा जमाने के करीब है जबकि दूसरा ग्रामीणों को ढाल बनाकर इसे अपने कब्जे में लेने की फिराक में हैं।
बिना अनुमति किया प्रदर्शन
इस मामले पर जब अंचलाधिकारी रविंद्र कुमार सिन्हा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बिना अनुमति के काफी संख्या में प्रखंड कार्यालय पहुंच लोगों ने जमावड़ा लगाया। उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच कर निर्णय दे चुके हैं। इसके बावजूद कृष्णा मरीक लोगों का जमावड़ा लगाकर प्रदर्शन कर रहा है। अंचलाधिकारी ने कहा कि यह गैरकानूनी गतिविधि है प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ वो प्राथमिकी दर्ज करवाएंगे।
पहले भी लग चुके हैं कई आरोप
अंचलाधिकारी रविंद्र कुमार सिन्हा की बात करें तो इस तरह के कई आरोप अंचलाधिकारी पर लग चुके हैं। सीएम तक शिकायत की गई है। भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने भी इस संदर्भ में अंचलाधिकारी के विरुद्ध पत्र लिखकर जांच करने की मांग कर चुके हैं।
गहनता से पड़ताल की जरूरत
बहरहाल, ज़मीन हेराफेरी में एक बड़ा सिंडिकेट गरीबों की ज़मीन हड़पने तथा दूसरा गरीबों को ढाल बनाकर अपनी रोटी सेंकने का काम कर रहा है। वहीं अधिकारी की मिलीभगत के बिना हेराफेरी कर लेना सम्भव नहीं है। इस मामले की गहनता से पड़ताल हो तो कई बड़े तथ्य सामने आ सकते हैं।