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एक बार फिर टला राज्य में पंचायत चुनाव

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विभागीय मंत्री ने बताई ये वजह

झारखण्ड: राज्य में कोरोना एवं कई अन्य कारणों की वजह से दो बार मुखिया के कार्यशक्ति को बढ़ाया गया है। जिसके बाद इस वर्ष दिसंबर महीने में संभावित पंचायत चुनाव संपन्न होने की बाते आ रही थी। परंतु राज्य में एक बार फिर टलता दिख रहा है। इसको लेकर पंचायती राज मंत्री ने कहा कि झारखण्ड राज्य स्थापना दिवस के कार्यक्रम और योजनाओं की शुरुआत को देखते हुए सरकार ने फिलहाल चुनाव टालने का निर्णय लिया है।

ज्ञात हो कि राज्य में गांव की सरकार एक्सटेंशन पर है। काफी जद्दोजहद के बाद इस वर्ष दिसंबर महीने में संभावित पंचायत चुनाव एक बार फिर टल गया है। राज्य सरकार की हरी झंडी नहीं मिलने के कारण राज्य निर्वाचन आयोग की सारी तैयारियां धरी की धरी रह गयी। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम (Rural Development and Panchayati Raj Minister Alamgir Alam) ने एक निजी चैनल से बात करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि दिसंबर में संभावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नहीं होंगे।

दरअसल सरकार ने पंचायत और नगर निकाय चुनाव से पहले जनता के बीच कार्य कर अपनी छवि बनाना अधिक उचित समझा है। इस वजह से राज्य स्थापना दिवस और हेमंत सरकार के दो वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित होनेवाले कार्यक्रम और योजनाओं की शुरुआत को देखते हुए सरकार ने फिलहाल चुनाव टालने का निर्णय लिया है।

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सरकार के फैसले से मुश्किल में राज्य निर्वाचन आयोग

राज्य सरकार की ओर से पंचायत और नगर निकाय चुनाव टालने पर राज्य निर्वाचन आयोग की मुश्किलें बढ गई हैं। चुनाव तैयारी पूरी कर चुका राज्य निर्वाचन आयोग को ऐन वक्त पर टालने का फैसला किसी झटका से कम नहीं है। जनवरी के प्रथम सप्ताह तक चुनाव की घोषणा नहीं की जाती है तो राज्य निर्वाचन आयोग को नए सिरे से मतदाता सूची का विखंडन करना होगा।

प्रावधान के अनुसार राज्य निर्वाचन आयोग भारत निर्वाचन आयोग की ओर से हर वर्ष जनवरी के प्रथम सप्ताह में जारी नए वोटर लिस्ट को ही आधार मानकर चुनाव संपन्न कराती है। भारत निर्वाचन आयोग अपने तय समय के अनुसार इन दिनों मतदाता सूची पुनर्रीक्षण करा रही है। जिसका प्रकाशन हर वर्ष की तरह 2022 के जनवरी प्रथम सप्ताह में होगा। नयी मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग को इसी आधार पर मतदान केंद्रों का भी गठन नए सिरे से कराना होगा, जिसमें प्रावधान के अनुसार अधिकतम 500 मतदाता होते हैं।

2020 के दिसंबर में होना था पंचायत चुनाव

झारखण्ड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव दिसंबर 2020 में होना था। पहले राज्य निर्वाचन आयुक्त का पद खाली नहीं होना वजह बना फिर कोरोना के कारण चुनाव लटकता चला गया। ऐसे में सरकार ने पंचायत के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को अब तक दो बार एक्सटेंशन देकर किसी तरह काम चला रही है।

झारखण्ड में काफी जद्दोजहद के बाद वर्ष 2010 में पहली बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न हुए। उसके बाद 2015 में एक बार फिर गांव की सरकार बनी जिसमें राज्यभर में 4402 मुखिया, 545 जिला परिषद सदस्य, 5423 पंचायत समिति सदस्य, 54330 ग्राम पंचायत सदस्यों का निर्वाचन हुआ था। वर्तमान में झारखण्ड में कुल 32660 गांव हैं, जिसमें निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल दिसंबर 2020 में ही समाप्त हो चुका है। पंचायत चुनाव नहीं होने से राज्य सरकार को 15वें वित्त आयोग से प्राप्त होनेवाली राशि से वंचित होना पड़ेगा।

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