सरिया : फर्जी ढंग से ई रेल टिकट बनाने के आरोप में रेलवे सुरक्षा बल/पोस्ट हजारीबाग रोड के द्वारा एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार व्यक्ति हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ थाना स्थित नवादा निवासी मुस्ताक अंसारी है। वहीं इसके पास से एक लैपटॉप चार टिकट और एक मोबाइल जब्त किया गया है।
इस बाबत सरिया के हजारीबाग रोड में पदस्थापित आरपीएफ इंस्पेक्टर पंकज कुमार ने बताया कि धनबाद मंडल से ई टिकट दलाली के संबंध में उपलब्ध कराए गए डाटा के आधार पर शनिवार को प्रभारी निरीक्षक हजारीबाग रोड रेलवे स्टेशन/ अधिकारी व स्टाफ, निरीक्षक प्रभारी हजारीबाग टाउन के अधिकारी स्टाफ तथा विष्णुगढ़ पुलिस के साथ नवादा बाजार स्थित सोहानी ट्रेवल्स में पहुंचे। जहां दुकान बंद कर मिला।
इसके बाद अधिकारी मोहम्मद मुस्ताक अंसारी के पैतृक आवास गए जहां वह फरार मिला। इस दौरान अधिकारियों ने घरवालों को पूछताछ के लिए मोहम्मद मुस्ताक अंसारी को लैपटॉप और मोबाइल के साथ रेलवे सुरक्षा पोस्ट हजारीबाग रोड पर भेजे जाने को कहा गया।
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जिसके बाद रविवार को मोहम्मद मुस्ताक लैपटॉप और मोबाइल के साथ पोस्ट पर उपस्थित हुआ। जहां पूछताछ में उसने बताया कि विष्णुगढ़ थाना अंतर्गत नवादा स्थित आवास में वह सोहानी ट्रेवल्स नाम से दुकान चलाता है। दुकान में वह फोटोकॉपी पासपोर्ट एवं ऑनलाइन आवेदन काम के अलावे रेलवे का ई टिकट बनाने का भी काम करता है।
वर्तमान में आईआरटीसी का एजेंट नहीं है फिर भी व्यक्तिगत आईडी से रेलवे ई टिकट बना कर ग्राहकों का बेचने का काम करता है। इसी दौरान ज्यादा टिकट कंफर्म बनाने के लालच में 1 महीने पूर्व उसने यूट्यूब में दिखाइए वीडियो पर लिंक पर क्लिक किया जिसके बाद वहां उसने पेटीएम के जरिये 22 सौ रुपया देकर रियल मैंगो नाम से एक सॉफ्टवेयर खरीदा। जिसके बाद सॉफ्टवेयर के जरिये उसने 5,6 टिकट बनाकर ग्राहकों को बेचा।
मामले की जांच शुरू
जांच में 4 पर्सनल आईडी से बना टिकट, 9 हजार 632 रुपया और रेल टिकट बनाने हेतु प्रयोग में लाए गए 79 पर्सनल आईडी भी मिला है। अधिकारियों ने बताया कि मो मुस्ताक ने अपनी गलती स्वीकार कर माफी मांगने लगा। इस मामले में कांड संख्या 51/2020 रेल अधिनियम की धारा 143 के तहत उसे गिरफ्तार किया गया है। वहीं इसकी जानकारी उसके परिजनों को दे दी गई है। पूरे मामले में जांच का भार सहायक अवर निरीक्षक चारलेस मरांडी को सौंपा गया है।
बहरहाल, ई टिकट मामले में तो एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। अगर गहनता से मामले की पड़ताल की गई तो एक बड़े गिरोह का भांडाफोड़ हो सकता है।