बड़ी बीमारियों के साथ-साथ छोटी बीमारियों की भी मिलती है सटीक जानकारी
गिरिडीह : शहर के बोड़ो स्थित चौधरी कॉम्प्लेक्स में प्रख्यात रेडियोलॉजिस्ट डॉ शैलेंद्र कुमार चौधरी के द्वारा संचालित नव अल्ट्रासाउंड एंड डायग्नोस्टिक सेंटर में जांच सुविधाओं को बढ़ाते हुए अत्याधुनिक मशीनों को स्थापित किया गया है। बता दें कि इसके जरिये महज 2 से 3 मिनट में शरीर के हर हिस्से को स्कैन कर बीमारियों को पकड़ा जा सकता है।
इस बाबत डॉ शैलेन्द्र कुमार चौधरी ने बातचीत में बताया कि स्केनिंग मशीन इमेज क्वालिटी बहुत ही अच्छी आती है और इसे 3डी में रिकॉन्सट्रक्ट करके बीमारियों को देखा जा सकता है।
बताया कि जो बीमारी अल्ट्रासाउंड से समझ नहीं आती उसे सिटी स्कैन कर समझी जा सकती है। कहा कि इससे न सिर्फ बड़ी बीमारियों बल्कि छोटी छोटी बीमारियों का भी पता चल जाता है।
कोरोना की जानकारी के लिए भी कारगर
डॉ. चौधरी ने वर्तमान में फैली वैश्विक कोरोना महामारी को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना जांच में रिपोर्ट निगेटिव रहती है मगर स्कैन करने पर लंग्स में ग्राउंड ग्लास ऑपेसिटी दिखती है। इसका मतलब ये हुआ कि मरीज को फिर कोरोना जांच करवाने की जरूरत है। इसको पकड़ने के लिए स्थापित की गई मशीन बेहद ही कारगर है।
कहा कि ऐसे कईक मरीज आते हैं जिन्हें खांसी है।जिसके बाद एचआरसिटी जांच में उसकी जानकारी सामने आती है।

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इन छोटी बीमारियों का भी चल जाता है पता
बताया कि गिरिडीह के लिए एक नई टेक्नोलॉजी है जो कि उनके यहां मौजूद है। बताया कि उनका उद्देश्य है कि सही तरीके से मरीजों का डायग्नोस्टिक हो और उसका समुचित इलाज हो सके।
बताया कि कई बार छोटी छोटी पथरी का पता नहीं चल पाता है मगर इसके जरिये छोटी सी छोटी पथरी भी दिख जाती है। बताया कि इसके जरिये अपेंडिक्स, गोल ब्लाडर, पथरी इसके बारे में आसानी से पता चल जाता है। बताया कि बीमारी से परेशान होकर लोग इधर उधर न भटके सही तरीके से डायग्नोस्टिक करवाकर अपना इलाज करवाएं।
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गौरतलब है कि पहले इस जांच के लिए मरीजों को दूसरे शहरों का रुख करना पड़ता था। मगर नव अल्ट्रासाउंड एंड डायग्नोस्टिक में इसकी सुविधा मिलने से मरीजों को राहत मिलेगी। बता दें कि डॉ शैलेन्द्र चौधरी बीते कई वर्षों से गिरिडीह में अपनी सेवा दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि 10 से 12 वर्षों की सेवा में उन्होंने गिरिडीह के लोगों का प्यार और विश्वास कमाया है।
मरीजों को अत्याधुनिक सुविधा मिले इसको लेकर वे समय समय पर मशीनों को अपडेट करते रहते हैं। ताकि उनके यहां मरीज को समुचित डायग्नोस्टिक मिल सके