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गला काटकर हत्या मामले का खुलासा, एसपी अमित रेणु ने प्रेसवार्ता कर दी जानकारी

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गिरिडीह : बीते 31 अगस्त को सिर कटा धर और फिर 1 सितम्बर को मिले सिर मामले में पुलिस को सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। शनिवार को एसपी अमित रेणु ने प्रेसवार्ता कर इसकी जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि 31 अगस्त को जब मिलने के बाद आवश्यक कार्रवाई करते हुए पुलिस ने स्वलिखित बयान के आधार पर धनवार थाना में कांड संख्या 282/ 2020 दर्ज कर मामले की जांच शुरू की।

एसआईटी का किया गया गठन

उन्होंने बताया कि अज्ञात अपराधियों द्वारा सिर काट कर हत्या कर फिर सिर गायब करने की घटना की संवेदनशीलता व गंभीरता को देखते हुए तत्काल खोरीमहुआ अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी नवीन कुमार सिंह के नेतृत्व में एसआईटी गठित कर गायब सिर व हत्या आरोपियों का पता लगाकर कांड उद्द्भेदन करने का निर्देश दिया।

काफी प्रयास के बाद शव की हुई पहचान

इसके बाद टीम ने घटनास्थल व आसपास के क्षेत्रों में सर्च अभियान प्रारंभ कर दिया। इस कड़ी में बोकारो जिला से स्निफर डॉग मंगाकर सर्च अभियान में सहयोग लिया गया। लगातार सर्च के दौरान 1 सितंबर को सुबह करीब 8 बजे घटनास्थल से 500 गज पश्चिम रोड किनारे डोभा से सिर को बरामद कर लिया गया।

एसआईटी द्वारा शव की पहचान एवं कांड में संलिप्त अपराधियों को पता करने के लिए बिहार के डेहरीऑन सोन, जमुई जिला के चकाई अंतर्गत व अन्य स्थानों पर आसूचनाओं के आधार पर छापेमारी अभियान चलाया गया।

वहीं मैनुअल इनपुट व तकनीकी सेल से मिले इनपुट के आधार पर मृतक की पहचान उत्तर प्रदेश राज्य के भदोही जिले स्थित गोपीगंज थाना क्षेत्र के कोलापुर निवासी 30 वर्षीय सत्येंद्र नाथ मिश्रा के रूप में की गई।

मुहर्रम घूमने की बात कहकर निकला था

जिसके बाद पुलिस ने गोपीगंज थाना पुलिस व मृतक के परिजन से संपर्क स्थापित कर घटना से अवगत कराते हुए स्थिति की जानकारी ली। सूचना पर 10 सितंबर को मृतक के बड़े भाई हरेंद्र नाथ मिश्रा अपने रिश्तेदारों के साथ धनवार आए व फोटोग्राफ, जप्त कपड़े, जूते, अन्य सामान के आधार पर बताया कि यह सब सामान उनके भाई सत्येंद्र नाथ मिश्रा का है। बताया कि 30 अगस्त की रात में बाइक से उनका भाई अपने दोस्त व अन्य के साथ मुहर्रम त्यौहार देखने के लिए झारखंड जाने की बात कहकर घर से निकला था।

पूछताछ में स्वीकारी संलिप्तता

एसपी ने बताया कि मामले में जांच करते हुए टीम ने हीरोडीह थाना क्षेत्र के तुलसीडीह निवासी इब्राहिम अंसारी उर्फ गुज्जर को पचम्बा थाना क्षेत्र से हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। पूछताछ में इब्राहिम अंसारी ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली।

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हत्या की बताई वजह

उन्होंने बताया कि आरोपी ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में यह बताया कि वह अपने फूफेरे भाई जमुआ थाना क्षेत्र के लहंगीया निवासी मकसूद अंसारी व अन्य के साथ कोलापुर में ही रहकर राजमिस्त्री का काम करता था। मकसूद अंसारी सत्येंद्रनाथ मिश्रा को पंडित कह कर बुलाता था। इसी बीच इन लोगों में गहरी दोस्ती हो गई।

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इसी क्रम में मकसूद अंसारी ने सत्येंद्रनाथ मिश्रा से 2 लाख रुपया उधार लिया। जिसे मांगने के बहाने सत्येंद्र मकसूद अंसारी के घर जाने लगा। इस बीच मकसूद की पत्नी के साथ उसका संबंध हो गया और उसकी गैर मौजूदगी में भी वह उसकी पत्नी से अक्सर मिलने लगा। इस बात की जानकारी आसपास के लोगों व बच्चों के माध्यम से मकसूद को हुई तो फिर उसने सत्येंद्र नाथ मिश्रा को घर आने से मना किया। इसके बावजूद मकसूद के अनुपस्थिति में वह उसकी पत्नी से मिलता-जुलता था। जिसके बाद मकसूद ने उसे व अन्य लोगों को इसकी जानकारी दी।

पहचान नहीं हो सके इसलिए दूर फेंका सिर

हत्या से करीब 1 सप्ताह पूर्व प्लान बना कर सत्येंद्र नाथ मिश्रा को मुहर्रम घुमाने और लड़की से मिलाने की बात कह कर गिरिडीह लाने की योजना बनाई। फिर 30 अगस्त की रात में बाइक से लेकर गिरिडीह चल दिया। इस दौरान रास्ते में पहले उसे गांजा और दारू पिलाया और फिर परसन ओपी के जमुनिया टांड़ पहुंचने के बाद उसे खूब गांजा दारु पिलाया और जब उसे ज्यादा नशा चढ़ गया तो चाकू से उसकी गर्दन काटकर उसकी हत्या कर डाली। वहीं शव छुपाने के लिए सिर को 500 मीटर दूर स्थित डोभा में फेंक दिया ताकि उसकी पहचान नहीं हो सके।

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हत्या में 6 लोगों की संलिप्तता

एसपी ने बताया कि इस मामले में 6 लोगों की संलिप्तता की बात सामने आई है। सभी की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। वहीं इसके आपराधिक इतिहास की भी जानकारी प्राप्त की जा रही है। उन्होंने बताया कि घटना में हत्या के षड्यंत्र में प्रयुक्त मोबाइल, गिरफ्तार आरोपी के निशानदेही पर खून लगा दो चाकू हत्या, खून लगा चादर, गमछा व रुमाल बरामद किया गया है।

टीम में ये थे शामिल

एसआईटी टीम में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी नवीन कुमार सिंह, जमुआ अंचल पुलिस निरीक्षक विनय कुमार राम, देवरी थाना प्रभारी अनूप रोशन भेंगरा, धनवार थाना प्रभारी रोशन कुमार, हीरोडीह थाना प्रभारी राधेश्याम पांडेय, परसन ओपी प्रभारी सुदामा प्रसाद, परि पु0 अ0 नी हसनैन अंसारी हीरोडीह थाना, अश्विनी कुमार धनवार थाना, मनीता कुमारी जमुआ थाना, प्रियंका कुमारी धनवार थाना, अशोक कुमार परसन ओपी, तकनीकी शाखा के जोधन महतो एवं सशस्त्र बल के जवान शामिल थे।

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