
झारखंड आंदोलन के प्रणेता, झारखंड मुक्ति मोर्चा के संरक्षक और पूर्व केंद्रीय मंत्री दिशोम गुरु शिबू सोरेन का निधन हो गया। 81 वर्षीय शिबू सोरेन पिछले कुछ समय से गंभीर रूप से बीमार थे और दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।
झारखंड के मौजूदा मुख्यमंत्री और उनके पुत्र हेमंत सोरेन समेत पूरा परिवार उनके साथ अस्पताल में मौजूद था। डॉक्टरों ने तमाम प्रयास किए लेकिन उन्हें नहीं बचाया जा सका।

विज्ञापन
मालूम हो, शिबू सोरेन पिछले 38 सालों से झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की कमान संभालते आ रहे हैं। उन्हें पार्टी का संस्थापक संरक्षक भी माना जाता है। वे सालों से पार्टी का नेतृत्व कर रहे थे और आदिवासी हितों की आवाज बनने वाले कुछ चुनिंदा नेताओं में से एक थे। उन्होंने झारखंड राज्य के लिए लंबी और ऐतिहासिक लड़ाई लड़ी।
झारखंड की राजनीति में उन्हें “दिशोम गुरु” यानी जननायक की उपाधि दी गई थी। उन्होंने लंबे समय तक जल-जंगल-ज़मीन, आदिवासी अधिकारों और सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ी। वे झारखंड आंदोलन के सबसे बड़े चेहरे और जनभावनाओं के प्रतीक थे।
शिबू सोरेन के निधन से पूरे झारखंड और देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है। लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।