
गावां : गावां प्रखंड अंतर्गत पिहरा पूर्वी पंचायत के ग्राम धरहरवा में पिछ्ले बुधवार को पति-पत्नी में आपसी विवाद हुआ उसके बाद कृष्णा चौधरी की पत्नी मुन्नी देवी ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर लिया था। हत्या के आरोप में पति कृष्णा चौधरी को जेल भेज दिया गया है। इस मुसीबत की घड़ी में इनके सभी छह बच्चे बिल्कुल बेसहारा हो चुके हैं। बच्चे फिलहाल अपने चाचा धनेश्वर चौधरी के पास हैं। शनिवार को कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन का चार सदस्यों का प्रतिनिधि मंडल पिहरा के धरहरवा जाकर बच्चों से मुलाकात कर वस्तुस्थिति का जायजा लिया। बता दें कि बच्चों में चार बहन और दो भाई हैं। बड़ी बेटी पूनम कुमारी छठवीं, सोनम कुमारी चौथी, आरती कुमारी तिसरी, शिवम कुमार पहली क्लास में
अध्ययनरत हैं। शुभम कुमार और भारती कुमारी की उम्र महज तीन से एक साल के बीच है। बच्चों से मुलाकात एवं धनेश्वर चौधरी से बातचीत के दौरान यह बात निकलकर सामने आई कि इन बच्चों की परवरिस और निगरानी हेतु विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
पिहरा पूर्वी के मुखिया सफदर अली, समाजसेवी पवन कुमार और गांव के गणमान्य लोगों की मौजूदगी में यह निर्णय लिया गया कि इन बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा हेतु ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के सहायक परियोजना पदाधिकारी सुरेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि प्रखण्ड विकास पदाधिकारी कार्यालय, गावां में आवेदन की मूल प्रति जमा करते हुए मांग किया गया है कि किशोर न्याय अधिनियम के अनुसार ये बच्चे सुरक्षा एवं संरक्षण प्रदान किये जाने की श्रेणी में आते हैं। इन बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर इनकी पढ़ाई,सुरक्षा और पुनर्वास सुनिश्चित करवाया जाए।

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बीडीओ मधु कुमारी ने बताया कि बाल कल्याण समिति गिरिडीह से संपर्क कर अतिशीघ्र बच्चों को उनके समक्ष प्रस्तुत करवाने हेतु विशेष पहल करती हूं। ताकि बच्चों की शिक्षा, सुरक्षा एवं पुनर्वास हेतू प्रक्रिया शुरू की जा सके।
मौके पर चार सदस्यों के प्रतिनिधि मंडल में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के सहायक परियोजना पदाधिकारी सुरेन्द्र कुमार त्रिपाठी ,वरिष्ठ कार्यकर्ता मो.आरिफ़ अंसारी, राजेश शर्मा और भीम चौधरी शामिल थे।