
गिरिडीह : वर्षों के इंतजार और उपेक्षा के बाद आखिरकार गिरिडीह में महान वैज्ञानिक सर जगदीश चन्द्र बोस को उचित सम्मान देने की कवायद शुरू हुई। इसी कड़ी में मंगलवार को सर जे.सी. बोस चौक पर लगी आचार्य बोस की मूर्ति का जीर्णोद्धार के बाद औपचारिक रूप से अनावरण किया गया। सदर विधायक सुदिव्य कुमार और उपायुक्त राहुल सिन्हा ने संयुक्त रूप से अनावरण किया। इस अवसर पर प्रमीला मेहरा, प्रमोद कुमार, दिलीप सिन्हा, कृष्ण मुरारी शर्मा, रंजय बरदियार, रंजीत यादव, हबलू गुप्ता, अभिषेक सहाय, रंजीत राय, बंटी साव, चंदर वर्मा, विकास सिन्हा, शिवेंद्र सिन्हा, बिनोद मंडल के साथ कई गणमान्य उपस्थित थे। मौके पर झारखंड बंगाली एसोसिएशन के अरिंदम बोस और विश्वनाथ पाल और अन्य सदस्यों ने भी आचार्य बोस को श्रद्धासुमन अर्पित किया।
गौरतलब है कि सर जेसी बोस की मूर्ति और चबूतरे की हालत जीर्ण-शीर्ण हो गई थी। आचार्य बोस को समर्पित संस्था सर जेसी बोस मेमोरियल सोसायटी ने इसे अपने खर्च पर जीर्णोद्धार कराया। सोसायटी के सदस्य प्रभाकर कुमार, रीतेश सराक, रामजी यादव, सुधांशु कुमार, आलोक रंजन , मधुमय रक्षित के साथ राजेश सिन्हा, रणजीत यादव, मुकेश यादव ने भी जीर्णोद्धार में सहयोग किया।
नई पीढ़ी के लिए जरूरी है सर जेसी बोस के धरोहर का संरक्षण

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अनावरण के बाद विधायक सुदिव्य कुमार ने कहा कि सर जेसी बोस जैसे महान वैज्ञानिक का नाता अगर गिरिडीह से है तो यहां के नागरिकों को भी उनके बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने आचार्य बोस की धरोहर के संरक्षण को बचाने का संकल्प लेने वाले प्रबुद्ध लोगों का धन्यवाद किया और कहा कि सरकार और प्रशासन की तरफ से इस धरोहर को विकसित करने की रूपरेखा तय की जा रही है, ताकि नई पीढ़ी को आचार्य जेसी बोस के योगदान और उनके गिरिडीह से संबंध की जानकारी मिल सके।
गिरिडीह के लिए सौभाग्य की बात
उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने कहा कि गिरिडीह के नागरिकों के लिए यह सौभाग्य की बात है कि सर जेसी बोस जैसे महान वैज्ञानिक का नाता गिरिडीह से रहा है। उन्होंने कहा कि इस धरोहर के संरक्षण और विकास का प्रयास किया जा रहा है, जिससे विद्यार्थी वर्ग सर जेसी बोस के जीवन और योगदान की जानकारी प्राप्त कर वैज्ञानिक अनुसंधान की ओर प्रेरित हो सके।