गिरिडीह : हिंदी के विद्वान, नाट्य लेखक, पचंबा उच्च विधालय से सेवानिवृत प्रधानाध्यापक रहे शिक्षक 86 वर्षीय धीरेंद्र प्रसाद ”विरही” अब इस दुनिया में नहीं रहे। शनिवार की देर रात पचंबा के पेठियाटांड़ स्थित आवास में उनका निधन हो गया। बता दें कि वे पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे।
उनके निधन की सूचना पाकर उनके जानने वालों में शोक की लहर दौड़ गई। गिरिडीह विधायक सुदीव्य कुमार, आप नेता कृष्ण मुरारी शर्मा, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रकाश सहाय, महासचिव चुन्नूकांत, डॉ ज्ञान प्रकाश, डॉ आर आर केडिया, डॉ रेखा झा, डॉ तारकनाथ देव, लोजपा प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार राज समेत काफी संख्या में लोग आवास पर पहुंचे और उनका अंतिम दर्शन करते हुए शोक संवेदना प्रकट की।
बता दें कि लोगों के आदर्श रहे स्व. ‘विरही’ विभु रंजन और वरिष्ठ पत्रकार सह अधिवक्ता आलोक रंजन के पिता थे। वे पिछली कई पीढ़ियों के लिए प्रेरणाश्रोत, एक आदर्शवादी शिक्षक की जीती जागती मिसाल थे। जिन्होंने एक शिक्षक और मार्गदर्शक के लिए स्व निर्धारित आदर्शों से कभी समझौता नहीं किया। उनके मार्गदर्शन में आज कईक लोग विभिन्न क्षेत्रों और विधाओं में सर्वोच्च शिखर पर आसीन है। वे अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ कर चले गए। रविवार की शाम को उसरी नदी किनारे उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार कर दिया गया।