गिरिडीह : बीते रविवार को गावां थाना क्षेत्र के करमघाटी जंगल में बोरे में बंद मिली महिला की लाश मामले का उद्द्भेदन पुलिस ने कर लिया है। दरअसल मृतका की हत्या कर उसके पति और ससुर ने अन्य लोगों की मदद से शव को बोरे में बांध फेंक दिया था। शुक्रवार को एसपी अमित रेणु ने प्रेसवार्ता कर इसकी जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि 10 जनवरी को गावां थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि प्लास्टिक की बोरी में बांध कर एक अज्ञात महिला का शव थाना क्षेत्र अंतर्गत कर्मघाटी जंगल में पड़ा हुआ है। इसके बाद पुलिस उपाधीक्षक 2 के नेतृत्व में टीम गठित कर मामले की जांच शुरू की गई। जांच में पता चला कि शव छपरा निवासी राजेंद्र यादव की पुत्री ममता देवी की थी।
उसकी शादी 1 साल पहले फरवरी 2020 में छपरा जिला के निवासी मुसाफिर यादव के पुत्र राजन यादव से हुई थी। वहीं घटना से चार महीना पहले से मृतका ममता देवी असनाबाद, कोडरमा स्थित खटाल में अपने पति व अन्य के साथ रह रही थी। शादी के कुछ दिन बाद पति पत्नी के बीच संबंध अच्छा नहीं रहने के कारण अक्सर विवाद व झगड़ा होते रहता था। 7 जनवरी को मृतका ममता को राजन यादव, उसके बड़े भाई पंकज यादव, पिता मुसाफ़िर यादव ने मिलकर मारपीट की थी। जिससे ममता देवी की मृत्यु हो गई।
मौत के बाद मुसाफिर यादव अपने बेटे और रिश्तेदार की मदद से बोरे में बंद कर एक पिकअप वैन में लोड करके मृतिका को कर्मघाटी जंगल के खाई में ले जाकर उसकी पहचान छुपाने के लिए चेहरा को पत्थर से विकृत कर फेंक दिया।
एसपी ने बताया कि इस काण्ड में सम्मलित मुसाफिर यादव, पंकज राय, राजन राय मारपीट में शामिल था। वहीं उमा राय, रामजी राय, बिरालाल राय, छोटेलाल यादव ममता देवी के शव को छुपाने में साथ दिया। सभी अपराधकर्मी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
इस मामले में पुलिस ने एक मोटर साइकिल, पिकअप वैन और दो मोबाइल भी बरामद किया गया।