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गिरिडीह के संगीत श्रोता परिवार के सदस्य की तरह : पं अजय प्रसन्ना

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संगीत केंद्र के कार्यक्रम में गूंजी बांसुरी की धुन

गिरिडीह : रविवार की शाम बांसुरी की धुन से सुरमई हो गई। देर तक शहर के संगीत प्रेमी श्रोता शास्त्रीय संगीत का आनंद लेते रहे। अवसर था गिरिडीह की संगीत केंद्र संस्था द्वारा आयोजित संगीतमय बैठक और प्रस्तुति कार्यक्रम का। जिसमें बनारस घराने के मशहूर बांसुरी वादक पंडित अजय प्रसन्ना जी ने अपने बांसुरी वादन से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके साथ तबला में संगत गिरिडीह के प्रसिद्ध तबला वादक रविशंकर सिंह कर रहे थे। वहीं गिरिडीह के राग यमन बांसुरी से अपने गुरुजी का साथ दे रहे थे।

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कार्यक्रम की शुरुआत में प्रकृति ने पंडित अजय प्रसन्ना, सुगंधा रंजन ने पंडित शंभू दयाल केडिया, राग यमन ने सितारवादक मौर मुकुट केडिया और टॉम राघवन एवं प्रकृति ने प्रभा रघुनंदन को पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया। इसके बाद पंडित अजय प्रसन्ना, विख्यात तबला वादक शंभू दयाल केडिया और संगीत केंद्र के संचालक रामकुमार सिन्हा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन किया। अतिथियों ने गिरिडीह के दिवंगत संगीत गुरु वीरेंद्र नारायण सिंह और पंडित अजय प्रसन्ना के पिता विख्यात बांसुरी वादक पंडित भोलानाथ प्रसन्ना के चित्रों पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद तबलावादक शंभू दयाल केडिया द्वारा पंडित अजय प्रसन्ना और तबला वादक रविशंकर सिंह को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। आलोक रंजन ने पंडित अजय प्रसन्ना का परिचय और उपलब्धियां बताते हुए पूरे कार्यक्रम का मंच संचालन किया।

उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम के आयोजक रामकुमार सिन्हा के पुत्र राग यमन भी उभरते हुए बांसुरी वादक हैं और पंडित अजय प्रसन्ना से संगीत की तालीम ले रहे हैं। उन्हीं के अनुरोध पर पंडित प्रसन्ना ने गिरिडीह पधार कर अपनी प्रस्तुति दी। इस अवसर पर बोलते हुए पंडित अजय प्रसन्ना ने कहा कि गिरिडीह में आना अपने परिवार के सदस्यों के बीच आने जैसा है। कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में शहर के गणमान्य संगीतप्रेमी उपस्थित थे।

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