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जिला स्तरीय जल संवाद कार्यक्रम का हुआ आयोजन, उत्कृष्ट कार्य करने वाली 14 जलसहियाओं को किया गया सम्मानित

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गिरिडीह : न्यू समाहरणालय सभागार में जल जीवन मिशन के तहत जल गुणवत्ता पर जिला स्तरीय जल संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित जलसहियाओं के साथ जल गुणवत्ता के विषय पर विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही जल जांच के सम्बंध में जानकारी दी गयी। जल संवाद कार्यक्रम के दौरान उपस्थित जलसहियाओं को जल जीवन मिशन के तहत ग्राम कार्य योजना बनाने, जल संरक्षण, सैनिटरी सर्वे एवं सोक पिट बनाने के संबंध में विस्तार से जानकारियां साझा की गई।

जल संरक्षण के विभिन्न बिदुओं पर चर्चा की गई। कार्यक्रम के दौरान उप विकास आयुक्त ने कहा कि ग्राम सभाओं के माध्यम से हमें ग्रामीणों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करना होगा। हमें पीने और सिंचाई के लिए और भूगर्भिय जलस्तर को बेहतर बनाने के लिए कितने पानी की आवश्यकता होगी। इसपर विचार करने की आवश्यकता है।

आने वाले दिनों में भीषण जल संकट का करना पड़ सकता है सामना

उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण पानी बहकर निकल जाता है। हमें बहते पानी की गति को कम कर उसे गांव के नालों में बोरीबांध बनाकर रोकना है। ऐसा करके हम जल संकट की समस्या से उबर सकते हैं। साथ ही उन्होंने लोगों को सचेत करते हुए कहा कि अगर जल संरक्षण को लेकर हम चिंता नहीं करते हैं, तो आने वाले दिनों में हमें भीषण जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।

कहा कि जल की महत्ता को समझना अतिमहत्वपूर्ण है, ताकि कृषि गतिविधियों को भी व्यापक स्तर पर बढ़ावा मिल सके। उन्होंने कहा कि जल स्त्रोतों की जांच एवं जल गुणवत्ता की महत्ता आमजनों को बताई जानी चाहिए, ताकि शुद्ध पेयजल के प्रति लोग जागरूक हो सके। इसमें उन्होंने जलसहियाओं की भूमिका को अहम बताया।

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उन्होंने कहा कि महिलाएं सक्रिय रूप से अपना योगदान दे रही हैं इसी प्रकार समाज के सभी वर्गों को इस दिशा में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। लोगों को जल गुणवत्ता के सभी मापदंडो व मानकों के सम्बन्ध में जानकारी उपलब्ध कराई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पानी की मांग और पानी की आपूर्ति के बीच का अंतर समझते हुए इसपर कार्य करने की आवश्यकता है।

मौके पर प्रभात खबर के ब्यूरो चीफ राकेश सिन्हा ने जल जीवन मिशन के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था को सुदृढ़ कर हर घर को नल से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का अभियान जल जीवन मिशन है। कहा कि प्रत्येक घर में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करना तथा सतत् निरीक्षण करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कई शौचालय ऐसे है जिनका कोई उपयोग नहीं हो रहा है तथा काफी शौचालय नहीं बनाए गए हैं। साथ ही काफी गांवों को जलमिनार से जोड़ने की आवश्यकता है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत लोगों को इसका उचित लाभ मिल सकें।

जल संचयन पर ध्यान देने की जरूरत

उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत जल संचयन को लेकर सोख्ता गड्ढा का निर्माण कार्य में तेजी लाने की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम प्रयोग को बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2024 तक जिले के सभी ग्रामीण परिवारों को नल से जल मुहैया कराया जाना है। उक्त मिशन को सफल बनाने निमित अभियान के प्रति समुदाय को जागरुक व राजी करना और संबंधित सरकारी विभागों से तालमेल अतिआवश्यक है।

ये थे उपस्थित

जिला स्तरीय कार्यक्रम के दौरान जल गुणवत्ता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 14 जलसहियाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में कार्यपालक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल, जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, ब्यूरो चीफ, प्रभात खबर, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, स्वच्छ भारत मिशन, जल सहिया व अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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