
गावां : प्रखंड के चेरवा गांव में विगत दिन वनकर्मियों द्वारा बंदोबस्ती जमीन को वन भूमि दिखाकर केस करने के मामले में लाभुकों ने उच्च अधिकारियों से जांच की मांग की है। लाभुकों कहना है कि जिस स्थान पर मनरेगा योजना से टीसीबी का निर्माण हुआ है, उसके आसपास पहले से ही कई डोभा और टीसीबी का निर्माण कराया गया है।
उक्त जमीन हुकुमनामा सह बंदोबस्त किया हुआ है। जिसका दस्तावेज भी लाभुकों के पास है। इसके बाद भी वन विभाग के कर्मियों द्वारा कुछ दिन पूर्व वहां पर चल रहे टीसीबी निर्माण कार्य को बंद कराते हुए खनन में लगे उपकरण को भी जब्त कर लिया था और पंचायत सेवक, रोजगार सेवक एवं संबंधित लाभुकों पर केस कर दिया गया।

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कहा कि जिस स्थान पर टीसीबी का निर्माण कराया जा रहा था वह पूरी तरह से हुकुमनामा सह बंदोबस्त किया गया जमीन है। टीसीबी निर्माण कार्य स्थल के आसपास कहीं भी वन विभाग द्वारा ट्रेंच नहीं काटा गया है। ट्रेंच के स्थान पर विभाग द्वारा सिर्फ एक पत्थर के रूप में सीमांकित किया गया है जो टीसीबी का निर्माण निर्धारित सीमांकित स्थान से कई मीटर पीछे बनाया गया है।
लाभुकों ने रेंजर और डीएफओ से मामले की जांच कर निर्दोष लोगों को केस से बरी करने की मांग की है। इधर, रेंजर अनिल कुमार ने कहा कि वन विभाग के अनुसार उक्त भूमि वन प्रक्षेत्र में पड़ता है। यदि लाभुकों को ऐसा लगता है कि वह बंदोबस्ती का जमीन है तो वनकर्मियों के उपस्थिति में सर्वे करा लें। सर्वे के दौरान हुकुमनामा का जमीन निकलने पर केस को बंद कर दिया जाएगा।