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सहकारी साख समितियांँ नाबार्ड की बहु सेवा केन्द्र योजना का लाभ लें : एस सी गर्ग

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गिरिडीह : नाबार्ड द्वारा मंगलवार को गिरिडीह में पैक्स / लैंपस के लिए नाबार्ड की बहु सेवा केन्द्र योजना पर संकुल स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया । इस कार्यशाला में 5 जिलों गिरिडीह, धनबाद, देवघर, जामताड़ा और बोकारो जिला के 30 पैक्स / लैंपस के प्रतिनिधियों ने भाग लिया । कार्यशाला का आयोजन नाबार्ड, झारखंड क्षेत्रीय कार्यालय के उप-महाप्रबन्धक सुभाष चंद गर्ग के नेतृत्व में सम्पन्न हुआ । उन्होने बताया की पैक्स / लैंपस आज़ाद भारत में सहकारिता आंदोलन के जीवंत द्योतक हैं ।

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बढ़ती वित्तीय प्रतिस्पर्धा, व्यावसायिकता की कमी, पूंजी एवं तकनीकी विशेषज्ञता का अभाव, मूलभूत अवसंरचना का अभाव, पुराने तौर तरीके एवं नवाचार का अभाव आदि के कारण समितियों के व्यवसाय में कमी आ रही है। समितियांँ नवाचार एवं व्यवसाय विविधिकरण के माध्यम से अपनी कायापलट कर सकते हैं । नाबार्ड द्वारा समितियों के व्यवसाय को बढ़ाने संबंधित कार्यालय संरचना के लिए सहकारिता विकास निधि अंतर्गत 80% अनुदान की व्यवस्था है ।
कार्यशाला के दौरान नाबार्ड गिरिडीह के डीडीएम आशुतोष प्रकाश ने नाबार्ड की पैक्स-बहु-सेवा-केंद्र योजना पर विस्तृत जानकारी पैक्स / लैंपस के प्रतिनिधियों के साथ साझा की । उन्होंने बताया की पात्र पैक्स / लैंपस नाबार्ड की पैक्स-बहु-सेवा-केंद्र योजना अंतर्गत सहकारिता बैंक के माध्यम से 4% का ऋण प्राप्त कर सकते हैं । भारत सरकार की कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर निधि अंतर्गत कनवर्जेंस के माध्यम से 3% का ब्याज अनुदान अधिकतम 2 करोड़ ऋण तक भी नियम एवं शर्तों के अंतर्गत दिया जा सकता है। अतः केवल 1% ब्याज पर पैक्स / लैंपस बहू सेवा केंद्र अंतर्गत कृषि भंडारण केंद्र (गोदाम/कोल्ड स्टोर) , कृषि सेवा केंद्र (कस्टम हाइरिंग केंद्र, मिट्टी जांच केंद्र आदि ) , कृषि प्रसंस्करण केंद्र ( प्राथमिक/ द्वितीयक – सॉर्टिंग/ग्रेडिंग आदि , चावल मिल, दाल मिल , आटा चक्की आदि ), कृषि यातायात और विपणन सुविधा ( पीकअप वेन , रुरल मार्ट) , शॉपिंग काम्प्लेक्स , उपभोक्ता स्टोर आदि व्यवसाय के लिए सस्ते दरों पर ऋण प्राप्त कर सकते हैं । बैंक द्वारा ऋण सुविधा मंजूर होने पर वित्तपोषित आस्तियों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रोद्योगिकी सहायता, प्रबंधकीय सहायता, क्षमता निर्माण , ब्रांड एवं मार्केट संवर्धन आदि के लिए नाबार्ड द्वारा ऋण का 10% अनुदान सहायता के लिए भी पात्र हो सकते हैं । योजना का लाभ लेने के लिए पैक्स / लैंपस के उप नियमों में बुनियादी सुविधाओं के सृजन के लिए कर्ज़ लेने की शक्ति और पर्याप्त उधार लेने की क्षमता होनी चाहिए । पात्र पैक्स / लैंपस कार्य योजना बना कर डीपीआर सहित संबन्धित दस्तावेज़ जमा करते हुए सम्बद्ध सहकारिता बैंक में आवेदन कर सकता है ।
कार्यशाला में ज़िला सहकारिता पदाधिकारी मनोज कुमार ने पैक्स / लैंपस को यह निर्देश दिया की वह अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए बैंक एवं नाबार्ड से जुड़ी योजनाओं का लाभ ले सकते हैं। धनबाद, देवघर, जामतारा एवं बोकारो के ज़िला विकास प्रबन्धकों (नाबार्ड) ने अपने ज़िले के पैक्स / लैंपस के साथ मिलकर समयबद्ध कार्य योजना बनायी।
कार्यशाला में 30 पैक्स / लैंपस के अध्यक्ष/ प्रबन्धक के अलावे झारखंड राज्य सहकारिता बैंक के शाखा प्रबंधक सूरज यादव , धनबाद ज़िला सहकारी बैंक के प्रबन्धक श्री पुष्कर भगत आदि सहित कुल 65 लोगों ने भाग लिया।

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