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आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे का जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया 

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सफलता के लिए ज़रूरी है, आत्मविश्वास का मज़बूत होना : संतोष चौबे

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हजारीबाग : आईसेक्ट विश्वविद्यालय, हजारीबाग सभागार में बूधवार को आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीके नायक व कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद के हाथों केक काटकर कुलाधिपति संतोष चौबे का जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर मौजूद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीके नायक, कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद, डीन एकेडमिक डॉ विनोद कुमार, डीन एडमिन डॉ एसआर रथ समेत विश्वविद्यालय के सभी प्राध्यापक-प्राध्यापिकाओं व कर्मियों ने कुलाधिपति संतोष चौबे को जन्मदिन की मुबारकबाद दी।

जानकारी देते हुए आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद ने बताया कि 22 सितंबर 1955 में खंडवा, मध्यप्रदेश के एक संयुक्त परिवार में जन्मे आईसेक्ट ग्रूप के निदेशक संतोष चौबे के उद्यम की शुरुआत भोपाल से हुई। शुरूआती पढ़ाई-लिखाई खंडवा से करने के बाद इनकी उच्च शिक्षा भोपाल से हुई। इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में एनआईटी से इंजीनियरिंग करने के बाद शिक्षण संस्थानों की स्थापना कर उन्होंने एजुकेशन सेक्टर में कदम रखा। शिक्षा के क्षेत्र में आईसेक्ट ग्रूप के माध्यम से जो बीजारोपण उन्होंने 35 वर्ष पहले 1985 में किया, वह अब विशाल वृक्ष बनकर शिक्षित भारत के सपनों को हकीकत में तब्दील कर रहा है। उन्होंने कहा कि श्री चौबे शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण, कला व संस्कृति के सभी क्षेत्रों में आईसेक्ट के पहल का नेतृत्व किया है। 27 राज्यों व 3 केंद्र शासित प्रदेशों तक आईसेक्ट ग्रूप को पहुंचाने वाले श्री चौबे बताते हैं कि देशभर के 338 जिलों समेत 10हजार पंचायतों तक शिक्षा का अलख जगाने के साथ साथ कौशल के क्षेत्र में भी आईसेक्ट ग्रूप का अहम योगदान रहा है। वह बताते हैं कि 17 लाख युवाओं को कौशल शिक्षा प्रदान कर आईसेक्ट ग्रूप की ओर से स्वरोजगार के लिए युवाओं को प्रोत्साहित किया गया।
उपन्यासकार, कहानीकार, कवि, आलोचक, अनुवादक व संपादक के तौर पर भी अपने आपको स्थापित कर चुके श्री चौबे के प्रमुख उपन्यासों में जलतरंग, राग केदार व क्या पता कॉमरेड मोहन शामिल हैं। हल्के रंग की कमीज़, रेस्तरां में दोपहर, प्रतिनिधि कहानियां, गौरतलब कहानियां नामक कहानी संग्रह आज भी ज्यादातर पाठकों के दिलों में विशेष स्थान रखते हैं। कहीं और सच होंगे सपने, कोना धरती का, इस अ-कवि समय में जैसे कविता संग्रह भी लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। बताते चलें कि विश्व आर्थिक मंच द्वारा स्थापित श्वाब फाउंडेशन की ओर से सोशल एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर अवार्ड 2010 से भी श्री चौबे को नवाज़ा जा चुका। साथ ही पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों उन्हें राष्ट्रीय नवाचार पुरस्कार भी प्रदान किया गया। इसके अलावा श्री चौबे को एशियन फोरम इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी फोर डेवलपिंग अवार्ड, वर्ल्ड एजुकेशन सम्मिट अवार्ड जैसे अंतर्राष्ट्रीय खिताबों से नवाजे जाने के अतिरिक्त इंडियन इन्नोवेशन अवार्ड 2005, गोल्डन आईकॉन इन नेशनल ई-गवर्नेंस अवार्ड, राष्ट्रीय भाषा प्रचार समिति अवार्ड समेत कई राष्ट्रीय अवार्ड्स से श्री चौबे को नवाज़ा जा चुका है।

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