गिरिडीह : पचंबा थाना के समीप स्थित पार्वती फाउंडेशन मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में डिलीवरी के बाद जच्चा बच्चा के मौत हो जाने की घटना सामने आई है। घटना को लेकर मृतक प्रसूता के परिजनों के हॉस्पिटल पर गंभीर आरोप लगाए है। मृतका जमुआ थाना इलाके के भूपतडीह निवासी रंजीत कुमार यादव की 28 वर्षीय पत्नी कालिका देवी थी।
घटना को लेकर मिली जानकारी के अनुसार मृतका के पति रंजीत कुमार यादव ने किसी की बात में आकर अपनी गर्भवती पत्नी को प्रसव के लिए हॉस्पिटल में शुक्रवार की सुबह 10 बजे भर्ती किया था। परिजनों का आरोप है कि पहले तो हॉस्पिटल के द्वारा सब कुछ सही है कहकर नॉर्मल डिलीवरी का दावा किया गया। इसके बाद करीब एक घंटे बीत जाने के बाद ऑपरेशन करने की बात कही गई। ऑपरेशन की बात को जब परिजन ने स्वीकार कर लिया तो फिर तैयारी की जाने लगी। इसके बाद उसे कुछ सुई लगाई गई। सुई लगाने के बाद से ही कालिका देवी की धड़कन तेज़ हो गई। इस दौरान फिर हॉस्पिटल में मौजूद कथित चिकित्सक के द्वारा ऑपरेशन से इंकार किया गया और फिर नॉर्मल डिलीवरी की बात कही गई। वहीं धड़कन बढ़ता देख परिजन उसे कहीं और ले जाना चाहें पर उन्हें जाने नहीं दिया गया। इसके बाद कथित चिकित्सक मौके से गायब हो गए। फिर बगैर चिकित्सक के करीब डेढ़ बजे डिलीवरी हुई। इस दौरान नवजात का दम घुटने लगा और उसे ऑक्सीजन लगाया गया लेकिन उस समय भी दूसरे जगह रेफर नहीं किया गया इस दौरान आधे घंटे में नवजात की मौत हो गई और प्रसूता की धड़कन बढ़ी ही रही। नवजात के मौत के बाद परिजन उसे लेकर जाना चाहें लेकिन हड़बड़ाने की बात नहीं कह कर वहीं रखा गया। इसके बाद प्रसूता का पेट फूलने लगा परिजन हड़बड़ाए मगर हॉस्पिटल में कोई चिकित्सक नहीं था। इस दौरान कंपाउंडर के द्वारा दवा सुई दी गई लेकिन प्रसूता की स्थिती बिगड़ गई तब उसे रेफर की बात कही गई लेकिन कुछ ही मिनट में उसकी भी मौत हो गई। इसके बाद हॉस्पिटल में मौजूद सभी लोग अन्य पेशेंट को भी छोड़कर भाग निकले। इधर घटना की सूचना पर पचंबा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की पड़ताल में जुट गई।
मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल संचालक पचंबा थाना पहुंचें थे और ख़बर लिखें जाने तक मामले में समझौता किए जाने का प्रयास चल रहा था।