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केडिया धर्मशाला की जमीन पर प्रधानमंत्री आवास मामले में कौन दोषी:निदेशक

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तीन दिन के अंदर जवाब दें उप नगर आयुक्त

गिरिडीह : नगर निगम द्वारा पचम्बा स्थित केडिया धर्मशाला की जमीन पर  गलत ढंग से प्रधानमंत्री आवास बना दिये जाने का मामला अब तूल पकड़ रहा है।केडिया जनकल्याण ट्रस्ट की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए नगरीय प्रशासन की निदेशक श्रीमती विजय जाधव ने इस बाबत निगम के उप नगर आयुक्त को अपने स्तर से जांच कर तीन दिनों के अंदर आत्मभारित प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का सख्त निर्देश दिया है।

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ज्ञातव्य है कि लगभग चार माह पूर्व ट्रस्ट ने उपनगर आयुक्त और  गिरिडीह उपायुक्त को धर्मशाला की ज़मीन पर पचम्बा के दिनेश पांडेय और नीरज पांडेय द्वारा धर्मशाला की ज़मीन पर अवैध रूप से प्रधानमंत्री आवास बना लिए जाने के शिकायत की थी,जिसपर उपायुक्त ने अंचलाधिकारी से जांच कराई तो ट्रस्ट का आरोप सही साबित हुआ।
केडिया जनकल्याण ट्रस्ट के ट्रस्टी श्रवण केडिया और विकास केडिया ने बताया कि उनकी शिकायत पर निगम ने कोई कार्रवाई नही की और कानूनी विवाद  होने की बात कह लगातार टालमटोल किया जा रहा था जो कि पूरी तरह  गलत है क्योंकि केडिया धर्मशाला 1962 से ही पचम्बा और आस पास के क्षेत्रों के लोगों को सामाजिक कार्यो के लिए उपलब्ध है और इसपर किसी तरह का कोई विवाद नही है और ऐसा प्रतीत हो रहा है कि एक सामाजिक संस्था की ज़मीन को हड़पने की नीयत से गहरी साजिश हो रही है।
ट्रस्ट का निगम से सवाल है की अगर उक्त भूमि पर  किसी भी प्रकार का विवाद था तब उस परिस्थिति में निगम ने प्रधानमंत्री आवास कैसे और क्यों आवंटित कर दिया, ये गंभीर जांच का विषय है क्योंकि ऐसी किसी भी भूमि पर  प्रधानमंत्री आवास आवंटित नही किया जा सकता है।
निगम द्वारा दोषी लाभुकों और निगमकर्मियों पर कार्रवाई नही किये जाने से निराश होकर ट्रस्टी ने इसकी शिकायत नगरीय प्रशासन ,झारखंड सरकार से की थी जिसके द्वारा शो कॉज किये जाने के बाद नगर निगम में हड़कंप

है।

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