
गावां : एक तरफ जहां तीसरी लहर रोकने को लेकर पूरे देश में व्यापक स्तर पर तैयारी चल रही हैं। वहीं दूसरी तरफ सरकार का पूरा प्रयास है कि जल्द से जल्द अधिकांश लोगों को वैक्सीन का पहला एवं दूसरा डोज दे दिया जाए, ताकि तीसरी लहर को नियंत्रित करने में हर संभव प्रयास किया जा सके। बता दें कि एक माह पूर्व अधिकतर लोग वैक्सीन के नाम से डरे हुए थे। लोगों के मन में कई तरह के सवालों से ज्यादा अफवाहें थीं। विशेष तौर पर गावां प्रखण्ड अंतर्गत सुदूरवर्ती आदिवासी बाहुल्य गांवों के लोग वैक्सीनेशन को लेकर डरे और सहमें हुए थे। उनका कहना था कि यह सुई लगवाने के बाद लोग बीमार हो रहे हैं, कुछ लोगों ने तो यहां तक कह दिया कि वैक्सीन लगवाने के बाद लोगों की मौत हो जा रही हैं। लौढियाटांड़ और सिजुआई के लोगों ने तो यहां तक कह दिया था कि सरकार चाहे तो राशन और पेंशन बन्द कर दे मगर हम लोग वैक्सीन नहीं लेंगे। कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के सहायक परियोजना पदाधिकारी सुरेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि टीम पूरे उत्साह के साथ इस अभियान में लगी रही। कई जगहों पर तीर -धनुष भी लोगों ने निकाल लिया, उन्हें लगा कि डरा देंगे तो ये लोग भाग जाएंगे, मगर जहां देश के सुरक्षा की बात है वहां से सत्यार्थी फाउंडेशन के जुझारू कार्यकर्ता पीछे कैसे हट सकते हैं। हम लोग प्रखण्ड विकास पदाधिकारी मधु कुमारी, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अरविंद कुमार, ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों, डीलर संघ, आंगनबाड़ी सेविकाओं और शिक्षा विभाग की टीम के साथ मिलकर वैक्सीनेशन अभियान को सफल बनाने में लगे हुए हैं।

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सुदूरवर्ती गांवों में अब लोगों की भ्रंतियाँ भी कम हो रही हैं मगर हम सभी को सुदूरवर्ती गांवों में वैक्सीनेशन को लेकर विशेष पहल करने की जरूरत है। रविवार को प्रखंड के बल्थरवा में सुबह तक लोगों में वैक्सीन लगवाने को लेकर भ्रम था, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के वरिष्ठ कार्यकर्ता मो.आरिफ अंसारी ने युवा मंडल अध्यक्ष रमेश हांसदा एवं शिक्षक सूरजदेव कुमार के साथ मिलकर डोर टू डोर अभियान चलाकर लोगों को वैक्सीन लेने हेतू प्रेरित किया, तब जाकर लोगों ने वैक्सीन का पहला डोज लिया।
मौके पर अभियान को सफल बनाने में हेल्थ कर्मी प्रियंका मराण्डी, यशोदा कुमारी, नारायण मण्डल,अनिल कुमार, रमेश हांसदा, तालकेश्वर पासवान, प्रकाश साव, सूरजदेव कुमार, दासो हांसदा, राजू हांसदा, छोटू कुमार, फुलवा कुमारी, मो.आरिफ़ अंसारी ,सुरेन्द्र सिंह और सुरेन्द्र कुमार त्रिपाठी का अहम योगदान रहा।