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एकाग्रता, स्वाध्याय और साधु संगत मोक्ष का आधार – विशुद्ध सागर जी महाराज

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पारसनाथ : जैन मुनि आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के इसरी बाजार के आगमन पर,विशुद्ध सागर जी महाराज की जय हो के उदघोष से पारसनाथ नगरी व इसरी बाजार गुंजायमान हो गया.शनिवार प्रातः आठ बजे मुनि श्री 30 जैन मुनियों के साथ जैन तेरहपंथी कोठी में पधारे. नगरवासी जैन धर्मावलंबियों ने मुनि श्री महाराज और अन्य मुनियों का एक शोभा यात्रा शक्ल में स्वागत कर नगर प्रवेश कराया.इस दौरान महिलाओं ने श्रीफल मुनि महाराज के चरणों में भेंटकर चरण वंदना की. अधिवक्ता सह जैन समाज के अग्रणी अशोक कुमार जैन, सरिया से राजेश जैन सेठी , सुनील कुमार जैन,विनोद जैन, सोम जैन के नेतृत्व में जैन धर्मावलंबी ने मुनि श्री के साथ शोभा यात्रा में शामिल हुए.

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इसके बाद तेरहपंथी कोठी के सभागार में विशुद्ध सागर जी महाराज ने अपने शब्दामृत से अपने नाम के अनुरूप अपने अनुयायियों का जीवन प्रच्छालन किया. मुनि श्री ने कहा – एकाग्रता, स्वाध्याय और ज्ञानी पुरूषों की संगत जीवन का मूल आधार है. महर्षि चार्वाक का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा – चार्वाक कहते हैं प्रत्यक्ष ही सब कुछ है, लेकिन ये याद रखें परोक्ष भी जीवन की दिशा निर्धारित करता है. पूरे कार्यक्रम में डा० विवेक जैन, रजत जैन, अशोक जैन, सुनील जैन, दीपक जैन, विनोद जैन,सीमा जैन,रश्मि जैन, जैन विद्यालय के शिक्षक प्रमोद कुमार यादव,डाॅ० श्याम कुमार सिंह,देवेश कुमार देव,रुपलाल प्रसाद मंडल,सुब्रत कुमार सामंता, संजीत कुमार, नेमचंद जैन, कंचन मंडल, राजेश ठाकुर, महेश साव, एतवारी महतो, रविन्द्र कुमार समेत कई लोग उपस्थित थे.

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