
संजय सिंह ने विवादित जमीन पर गांधी स्मारक बनाने की कही बात

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गिरिडीह : पंचबा स्थित बस डिपो की 17 एकड़ की विवादित जमीन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री सह विधायक बाबूलाल मरांडी के द्वारा गिरिडीह विधायक सुदीव्य कुमार पर डिपो की विवादित जमीन हड़पने में संलिप्तता के आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री का पत्र भेजने के मामले के बाद गिरिडीह में एक बार फिर भू माफियाओं को मिल रहे सत्ताधारी दलों के संरक्षण की चर्चा जोरों पर है।बाबूलाल मरांडी के द्वारा डिपो की विवादित जमीन में विधायक का नाम लेने के बाद गिरिडीह झामुमो कमेटी भी हमलावर हो गई है।
शनिवार को झामुमो के जिला अध्यक्ष संजय सिंह ने प्रेस वार्ता कर कहा की जिस डिपो की विवादित जमीन को लेकर बाबूलाल मरांडी ने विधायक सुदीव्य कुमार पर आरोप लगाया है,उसका जमाबंदी साल 2002 में अवैध रूप से दर्ज किया गया था।उस वक्त झारखंड के मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी थे। बाबूलाल मरांडी के कार्यकाल में गिरिडीह में भू माफियाओं के सिडिकेंट के द्वारा बरगंडा स्थित तालाब को भर कर बेच दिया गया उन्होंने कहा कि जिनके घर शीशे के हो वह दूसरे के घरों पर पत्थर नहीं फेंकते,उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी के कार्यकाल में ही बस डिपो की जमीन को हड़पने की साजिश रची गई थी उन्होंने बाबूलाल मरांडी को कहा कि जिस तरह से उन्होंने अनर्गल आरोप विधायक पर लगाए हैं उसके साक्ष्य के साथ उन्हें मीडिया में आना चाहिए।उन्होंने कहा कि विधायक के कानूनी सलाहकार मामले को देख रहे हैं और बाबूलाल मंराडी पर मानहानि का भी मुकदमा दर्ज किया जाएगा।उन्होंने कहा की भाजपाइयों के जमीन से जुड़े कई मामलो का भी वह जल्द खुलासा करेंगे।उन्होंने कहा की बस डिपो की जिस 17 एकड़ विवादित जमीन को लेकर हल्ला पसरा हुआ है,उस में जमीन के मूल रैयत के वारीस को लेकर सस्पेंस बना हुआ है जबकि उक्त स्थल पर साल 1925 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता आंदोलन के लिए एक जनसभा किया था और वह गिरिडीह के लिए एक धरोहर के रूप में है। इसलिए झामुमों पार्टी गिरीडीह जिला प्रशासन से उक्त धरोहर उक्त जमीन को गांधीजी के स्मांरक के रूप में विकसित करने की मांग करता है