
गिरिडीह : कोरोना महामारी के दौरान या नजारा कहीं से भी जायज नहीं था।माहे रमजान का आखिरी जुम्मा होने के कारण मुस्लिम समाज के लोगों ने इस इस महामारी के दौरान कोरोना नियमों का पालन नहीं किया।यह नजारा भंडारीडीह पुरानी मस्जिद का है।जहां माहे रमजान का आखरी जुम्मा का नवाज पढ़ने के लिए सैकडों नवाजी इकट्ठा हुए थे।जिसकी भनक पुलिस को लग गई।पुलिस भी तत्काल मस्जिद पहुंच गई और अंदर का नजारा देखकर हैरत में पड़ गयीं।

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मस्जिद के अंदर सैकड़ों की संख्या में इकट्ठा होकर नवाजी जुम्मे की नमाज अदा कर रहे थे। पुलिस ने जब ऐसा नजारा देखा तो वह भी भड़क उठी और नमाज अदा करने वालों के साथ साथ मस्जिद कमेटी को लोगों को काफी खरी-खोटी सुनाया।जबकि भंडारीडीह का इलाका कंटेनमेंट जोन घोषित हो चुका है भंडारीडीह इलाके में कई लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं जबकि कई लोगों की मौत की भी सूचना है।ऐसे परिस्थिति में सैकड़ों लोगों को एक साथ जुम्मे की नमाज अदा करना करोना को खुला निमंत्रण देना जैसा था लेकिन लोगों ने इसकी परवाह नहीं की और जुम्मे की नवाज पर सैकड़ों की संख्या में लोग मस्जिदों में एक दूसरे से सट कर बैठे और जुम्मे की नमाज अदा की।भंडारीडीह पुरानी मस्जिद में की गई गलती अगर दूसरे इलाकों में भी दोहराया गया होगा,तो गिरिडीह में कोरोना महामारी बेलगाम हो सकती है।जिसके लिए कहीं न कहीं शहर की जनता जिम्मेदार होगी।