गिरिडीह : पंचायत सचिवों पर सोलर लाइट में जेरेडा के मूल्य से अधिक राशि पर सोलर लाइट लगवाए जाने के आरोप और फिर एफआईआर दर्ज कर जेल भेजे जाने के मामले को लेकर रविवार को झारखंड राज्य पंचायत सचिव संघ की आपात बैठक रविवार को महासंघ भवन में की गई।
बताया गया कि 2 वर्ष बाद उप विकास आयुक्त गिरिडीह द्वारा आपत्ति लगाया गया है कि जरेडा से अधिक मूल्य पर सोलर लाइट की खरीदी की गई, जो उचित नहीं है। बताया कि जरेडा का मूल्य ₹18500 था जबकि दूसरे एजेंसी ने अलग-अलग 24 से 25 हजार में क्रय किया गया था। सबसे बड़ी बात यह है कि 2 साल पहले जरेडा के दर पर क्रय करने का कोई आदेश नहीं था।
अगुवायों ने बताया गया कि यदि एजेंसी ने अधिक मूल्य लिया तो जिला प्रशासन को चाहिए था कि एजेंसी को नोटिस देकर अधिक ली गई राशि वापस मांगे, लेकिन ऐसा नहीं करके धड़ल्ले से पंचायत सचिवों पर प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस और कचहरी के जिम्मे लगा दिया जा रहा है।
कहा गया कि उपायुक्त के निकट प्रखंड विकास पदाधिकारी गिरिडीह ने उसी समय 500 लाइट ₹31500 की दर से क्रय किया एवं विधायक सांसद मद से 34500 की दर से क्रय किया गया। इन लोगों के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं हुई। यह जिला प्रशासन का दोहरा चरित्र है। छोटे-छोटे पंचायत सचिव जो कार्यरत हैं एवं सेवानिवृत्त हो गए हैं प्राथमिकी के भय से सब परिवार प्रताड़ित हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है जिला प्रशासन का अगर यह रवैया रहा तो आंदोलन पर जाने को विवश होंगे।
महासंघ के महामंत्री अशोक कुमार सिंह ने इस कार्रवाई पर गहरी चिंता प्रकट की है। मौके पर बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 10 नवंबर को जिला स्तर पर पंचायत सचिव आक्रोश प्रदर्शन एवं 11 नवंबर से मांगों के प्रति तक अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर चले जायेंगे।
बैठक में मुख्य संरक्षक रूपलाल महतो, महासंघ जिला अध्यक्ष अमर कुमार सिन्हा, उपाध्यक्ष वशिष्ठ कुमार सिंह, मोहम्मद तैय्यब, जमुना हजाम, चेतलाल वर्मा, सुरेंद्र यादव, जागेश्वर महतो, तुलसी पंडित, विनोद राय, दशरथ प्रसाद, लक्ष्मण प्रसाद, गौरीशंकर प्रसाद आदि उपस्थित थे।