गिरिडीह: मधुबन थाना क्षेत्र के अतकी पंचायत के धावाटांड मुंडरो ग्राम निवासी बद्री महतो के 32 वर्षीय पुत्र रामेश्वर महतो की मौत लगभग तीन महीने पहले मलेशिया में हो गई थी। मगर इतने समय गुजर जाने के बाद भी उसका शव नहीं आ सका है। वहीं परिजनों की आंखें पथरा गई है। पति का शव को मलेशिया से मंगाने को लेकर पत्नी पूनम देवी गुहार लगा रही है।
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06 अप्रैल को हुई थी मौत
पूनम देवी ने बताया कि परिवार की खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए पति रामेश्वर महतो 16 अगस्त 2018 को काम करने के लिए मलेशिया गए थे।वहाँ लाइरिको ट्रांसमिशन कंपनी में में कार्यरत थे।मगर इसी बीच अचानक 6 अप्रैल 2020 को उनकी मौत का समाचार मिलने पर दुःखो का पहाड़ टूट पड़ा।पत्नी का कहना हैं कि मौत को लगभग तीन महीने समय बीतने को हैं अभी तक मलेशिया से उसके पति का शव यहाँ नहीं पहुँच सका।
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उचित मुआवजे के साथ जल्द वापस लाया जाय शव
वहीं कंपनी के द्वारा कोई सार्थक जवाब न मिलने से परिवार के सदस्य परेशान हैं।उनकी मासूम बेटी रीतिका कुमारी (09) और बेटा रवि कुमार(07) की लालन- पालन व पढाई लिखाई को लेकर काफी चिंतित हैं।वहीं प्रवासी मजदूरों के हितार्थ में हमेशा कार्य करने वाले समाजिक कार्यकर्ता सिकन्दर अली का कहना हैं कि रामेश्वर महतो की मौत लगभग तीन महीने बीतने को हैं। परिवार वाले काफी चिंतित हैं।फिलहाल एक बूढे माता-पिता जिसका बेटा पहली उसकी नजरों से दूर हुआ और अब उसकी जिंदगी से दूर हो गया और आखिरी बार उसका चेहरा भी देखने को नहीं को मिल रहा हैं। उस माता पिता पर क्या बीत रही होगी ये तो सभी लोग जान सकते हैं।इसलिए सरकार से निवेदन करना चाहूँगा कि रामेश्वर महतो का शव मलेशिया से उचित मुआवजे के साथ जल्द भारत वापस लाया जाय, ताकि उनका अंतिम संस्कार किया जा सके।