आयोजन के मुख्य लाभार्थी संदीप माजी का हुआ सम्मान
मधुबन (गिरिडीह): जैनियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल शिखरजी (मधुबन) के सराक भवन में होली के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय फागण फेरी महोत्सव का समापन पूरे उल्लास के साथ हुआ। सात से नौ मार्च तक हुए इस महोत्सव में प्रभात फेरी, स्नात्र पूजा, एकासना, शिखरजी पर्वत यात्रा के साथ विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान में झारखंड और बंगाल के सराक जैन समुदाय के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पूरे उत्साह से भाग लिया। सराक जैन आचार्य श्रीसुयशसूरीश्वर महाराज की प्रेरणा और गुरुमां पुण्यहर्षलताश्री की निश्रा में हुए इस आयोजन की खूब चर्चा रही।
महोत्सव के लाभार्थियों का हुआ बहुमान
महोत्सव के अंतिम दिन पूरे आयोजन का खर्च वहन करने वाले मुख्य लाभार्थी जामताड़ा के सालकुंडा गांव निवासी संदीप कुमार माजी को शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। उपस्थित सराक संघ की ओर से पश्चिम बंगाल के बर्दमान से आए हाराधन माजी और बांकुड़ा के बागमबर माजी ने संदीप माजी और उनके परिवार का बहुमान किया। इस अवसर पर संदीप ने कहा कि हर साल इस तरह का सराक समागम हो, यही उनकी कामना है। बहुमान कार्यक्रम में शिक्षक असीम माजी को भी शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। एकासना व्रत करने वालों का बहुमान करने के लाभार्थी बर्दमान के हाराधन माजी बने। वहीं शिखरजी पर्वत की वंदन यात्रा करने वालों के चरणों को दूध से धोने का लाभ बंगाल के पुचड़ा से आए देवाशीष माजी ने लिया। इसके साथ ही सभी को तिलक लगाने के लाभार्थी बांकुड़ा के बागमबर माजी बने। संचालन काजल कुमार माजी ने किया। कार्यक्रम के अंत में गुरुमां ने सराक यात्रियों को आशीर्वाद देते हुए सभी को निष्ठापूर्वक जिन शासन की सेवा करने की बात कही।
विभिन्न सराक गांवों से आए थे सराक बंधु
इस महोत्सव सर सराक समागम में झारखंड और पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों से सराक समाज के भाई-बहन शिखरजी पहुंचे थे।समारोह में पुष्पा माजी, मयना माजी, मोनिका माजी, मिताली माजी, शिवानी माजी, सुभोजित माजी, अभिजीत माजी, दयामय माजी, रीतेश सराक, सुखमय माजी, मिशन माजी, अरिहंत सराक, सोमनाथ माजी, सुमेश, मिथिलेश, गौतम, भावेश, अशोक, रंजन, मंगल मंडल, बिट्टू, कुमारपाल सराक समेत दर्जनों सराक श्रद्धालु शामिल हुए।