दो चरणों में होने वाला झारखंड विधानसभा का चुनाव काफी रोचक होने वाला है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, महामहिम राज्यपाल की बहू, पूर्व केंद्रीय मंत्री की पत्नी, पांच-पांच पूर्व मुख्यमंत्री, मंत्री, पूर्व मंत्री, कई सिटिंग विधायक सहित 1200 से ज्यादा प्रत्याशी इस बार चुनावी मैदान में हैं. पहले चरण चरण की 43 सीटों के लिए 683 प्रत्याशी जबकि दूसरे चरण के 38 विधानसभा सीटों के लिए 528 प्रत्याशी ताल ठोक रहे हैं. झारखंड की साढ़े 3 करोड़ जनता इन 1211 उम्मीदवारों के भाग का फैसला करेगी.
चुनावी अखाड़े में मौजूद कई दिग्गज प्रत्याशियों में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बरहेट विधानसभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार हैं, सुदेश कुमार महतो आजसु पार्टी के सुप्रीमो सिल्ली सीट से, ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास जमशेदपुर पूर्वी से, पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन सरायकेला से जबकि उनके बेटे बाबूलाल सोरेन घाटशिला से उम्मीदवार हैं.
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी धनवार से, पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा को जगन्नाथपुर सीट से, पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा को पोटका से जबकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन गांडेय विधानसभा सीट से उम्मीदवार हैं. इसके साथ ही झारखंड सरकार के कई मंत्री, कई सिटिंग विधायक के साथ पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक भी चुनावी अखाड़े में हैं.
इस बार के चुनाव में कई अहम समीकरण
इस बार के चुनाव में कई अहम समीकरण भी देखने को मिल रहे हैं. 90 के दशक में चुनाव लड़ने वाले दिग्गज नेताओं के परिजन इस बार 2024 के चुनावी मैदान में उनकी राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए उतरे हैं, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के साथ-साथ उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए उनके पुत्र बाबूलाल सोरेन घाटशिला से चुनावी अखाड़े में उतरे हैं.
जमशेदपुर पूर्वी सीट पर रघुवर दास की बहू मैदान में
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास 1995 से लगातार जमशेदपुर पूर्वी सीट से जीत दर्ज करते आ रहे. रघुवर दास के जीत के रथ को वर्ष 2019 में सरयू राय ने रोका. जमशेदपुर पूर्वी से सरयू राय रघुवर दास को हराकर विधायक बने. इसके बाद रघुवर दास को ओडिशा का राज्यपाल नियुक्त कर दिया गया. इस बार उनकी बहू पूर्णिमा दास साहू रघुवर दास की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए पहले बार चुनावी अखाड़े में उतरी हैं. 90 के दशक में कोल्हान में सक्रिय हुई राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा इस बार उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए पोटका सीट से पहली बार किस्मत आ रही हैं.
पूर्व सांसद गीता कोड़ा फिर से चुनावी अखाड़े में
वहीं, झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिला के जगन्नाथपुर में अपने अभेद किले को बचाने के लिए पूर्व सांसद गीता कोड़ा फिर से चुनावी अखाड़े में बीजेपी के प्रत्याशी के रूप में उतर रही हैं. इसी सीट से उनके पति मधु कोड़ा भी चुनाव लड़े और जीते और राज्य के पहले निर्दलीय मुख्यमंत्री बने थे. वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा की वरिष्ठ नेता और सिंहभूम की वर्तमान में सांसद जोबा मांझी ने अपनी राजनीतिक विरासत को बढ़ाने की जिम्मेदारी अपने बेटे जगत मांझी के कंधों पर सौपी है. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने विधायक से सांसद बनी जोबा मांझी के बेटे जगत मांझी को मनोहरपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है.
सांसद जोबा मांझी के पति देवेंद्र मांझी की वर्ष 1994 में हत्या के बाद 1995 में वह पति की विरासत को संभालने के लिए मनोहरपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ी और पहली बार विधायक बनी थीं. जोबा मांझी के राजनीतिक हैसियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह अब तक राज्य में चार बार मंत्री का पद संभाल चुकी हैं. उनके पति देवेंद्र मांझी भी कद्दावर नेता थे और अभिभाजित बिहार के वक्त 1980 में चक्रधरपुर और 1985 में मनोहरपुर से विधायक बने थे. हालांकि वर्ष 1994 में उनकी हत्या हो गई थी.
जमशेदपुर पश्चिम सीट पर कुल 28 प्रत्याशी मैदान में
इस बार के विधानसभा चुनाव में सर्वाधिक प्रत्याशी जमशेदपुर पश्चिम सीट पर है जहां से राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले सरयू राय और राज्य सरकार के मंत्री बन्ना गुप्ता के बीच मुख्य मुकाबला होगा. हालांकि इस सीट से कुल 28 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं जबकि सबसे कम झारखंड के देवघर सीट से है जहां 7 प्रत्याशी चुनावी अखाड़े में हैं. इसके साथ ही झारखंड के हटिया सीट से 27 प्रत्याशी, बड़कागांव से 26 जमशेदपुर पूर्वी और धनवार से 24 प्रत्याशी चुनावी अखाड़े में हैं जबकि झारखंड के सबसे हॉट सीट में शामिल बरहेट जहां से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चुनावी मैदान में है वहां 9 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला जनता तय करेगी. झारखंड में आचार संहिता उल्लंघन के अब तक 24 प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है. इसके साथ ही अब तक 135.70 करोड़ की अवैध सामग्री और नगदी की सीजिंग हो चुकी है.