Samridh Samachar
News portal with truth
- Sponsored -

- Sponsored -

वट सावित्री पूजा को लेकर महिलाओं में उत्साह, सुहागिनों ने बरगद पेड़ की परिक्रमा कर बांधा रक्षा सूत्र

327
Below feature image Mobile 320X100

गिरिडीह : सनातन धर्म में वट सावित्री पूजा सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास माना गया है. प्रत्येक साल इस पर्व को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को सुहागिन महिलाओं द्वारा मनाया जाता है. वहीं जिलेभर में गुरुवार को सुहागिनों ने वट सावित्रि का व्रत रखा.इस दौरान सभी सुहागिन महिलाएं 16 सिंगार किए वट वृक्ष के पास पहुंची और विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हुए परिक्रमा भी की और अपने लिए अखंड सौभाग्य की कामना की.

 

विज्ञापन

विज्ञापन

वट सावित्री पूजा को लेकर अहले सुबह से ही शास्त्रीनगर, बरगंडा, कचहरी रोड, बरमसिया, मकतपुर, बड़ा चौक, बरवाडीह, मोहनपुर, बोड़ो, पचंबा, आनंद कुटीर, सिहोडीह, शिव मोहल्ला, कल्याणडीह सहित अन्य स्थानों पर वटवृक्ष के नीचे सुबह से पूजा अर्चना का दौर चलता रहा. इस दौरान बरगद वृक्ष की परिक्रमा कर सुहागिनों ने वटवृक्ष में मौली का धागा लपेटा और सावित्री-सत्यवान की कथा को सुना.

 

ऐसी मान्यता है कि इसी दिन मां सावित्री ने यमराज के फंदे से छूटकर अपने पति सत्यवान के प्राणों की रक्षा की थी. भारतीय धर्म में वट सावित्री पूजा स्त्रियों का महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे करने से हमेशा अखंड सौभाग्यवती रहने का आशीष प्राप्त होता है. कहा जाता है कि जब सावित्री पति के प्राण को यमराज के फंदे से छुड़ाने के लिए यमराज के पीछे जा रही थी उस समय वट वृक्ष ने सत्यवान के शव की देख-रेख की थी. पति के प्राण लेकर वापस लौटने पर सावित्री ने वट वृक्ष का आभार व्यक्त करने के लिए परिक्रमा की. तभी से यह पर्व सुहागिनों द्वारा किया जाता है और पति के दीर्घायु होने की कामना की जाती है.

href="https://chat.whatsapp.com/IsDYM9bOenP372RPFWoEBv">

ADVERTISMENT

GRADEN VIEW SAMRIDH NEWS <>

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Before Author Box 300X250