गिरिडीह : कोर्ट फीस में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोतरी समेत अन्य मांगों को लेकर न्यायिक कार्यों से दूर अधिवक्ताओं का आंदोलन जारी है. सोमवार को लगातार तीसरे दिन भी अधिवक्ता न्यायायिक कार्यों से दूर रहे. इससे पूर्व स्टेट बार काउंसिल की हुए बैठक में सोमवार और मंगलवार को भी अधिवक्ताओं के न्याययिक कार्यों से दूर रहने का निर्णय लिया गया था. इसी कड़ी में अधिवक्ता न्यायायिक कार्यों से दूर रहे. बता दें कि सरकार द्वारा फीस बढ़ोतरी किए जाने के विरोध में राज्य के 35 हजार अधिवक्ता शुक्रवार से न्यायिक कार्यों से दूर रहकर आंदोलन कर रहे हैं. सोमवार को भी गिरिडीह में अधिवक्ताओं ने फीस बढ़ोतरी को वापस लेने समेत अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन किया.
बताया गया कि रविवार को स्टेट बार कौंसिल ने राज्य के सभी जिलों और अनुमंडल इकाई के अध्यक्ष और महासचिव को इस बैठक में आमंत्रित किया था, ताकि आगे की रणनीति तय की जा सके. जिसके बाद बैठक में यह बात सामने आई कि राज्य के महाअधिवक्ता ने मुख्यमंत्री को गुमराह किया और स्टेट बार कौंसिल को बगैर विश्वास में लिए अपने तरफ से कुछ घोषणा करा दी. बैठक में यह तय हुआ कि सरकार अगर चाहती है कि अधिवक्ता अपने काम पर लौट जाएं तो मुख्यमंत्री ने अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए जो घोषणाएं की है उसकी जानकारी अधिवक्ताओं को संघ के माध्यम से दी जाए.