तिसरी: बुधवार को विश्व हिन्दू परिषद तिसरी के प्रखंड अध्यक्ष शिव शंकर साहू और जिला सह मंत्री हरीश प्रसाद साह ने क्षेत्रीय भाषा सूची से उर्दू को हटाने के लिए राज्यपाल के नाम प्रखंड विकास पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें कहा गया कि राज्य सरकार के कर्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग द्वारा निकाली गयी अधिसूचना में झारखंड प्रान्त के सभी जिलों में मेट्रिक तथा इंटरमीडिएट स्तर की
प्रतियोगिता परीक्षाओं में जिला स्तरीय पदों के लिए उर्दू भाषा को क्षेत्रीय भाषा के रूप में रखा गया है, जो असंवैधानिक है! झारखंड प्रदेश में क्षेत्रीय भाषा के रूप में मुख्यतः नागपुरी, खोरठा, पंचपरगानिया एवं कुरमाली है, जो अति प्राचीन भाषा है! जबकि उर्दू एक विदेशी भाषा है विदेशी आक्रांताओं द्वारा देश पर आक्रमण के पश्चात साम्राज्य स्थापित कर अपने भाषा को भारत में लागु करने का प्रयास किया गया था ! ऐसे में उर्दू किसी भी मायने में झारखंड के लिए क्षेत्रीय भाषा नहीं हो सकती !
अतः विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं ने माननीय राज्यपाल महोदय से इस अधिसूचना को निरस्त करने का निर्देश देने की मांग की है !