Samridh Samachar
News portal with truth
- Sponsored -

- Sponsored -

नवरात्रि का पहला दिन आज,जानें मां शैलपुत्री की पूजा विधि, भोग, मंत्र, आरती और महत्व

403
Below feature image Mobile 320X100

शारदीय नवरात्रि आज यानि 3 अक्टूबर से शुरू हो रही है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मां बहुत दयालु और कृपालु हैं। मां शैलपुत्री के चेहरे पर तेज दिखाई देता है। मां शैलपुत्री अपने बाएं हाथ में कमल का फूल और दाएं हाथ में त्रिशूल धारण करती हैं, इनका वाहन वृषभ है। मां अपने भक्तों का उद्धार कर दुखों का निवारण करती हैं। मां शैलपुत्री ने पर्वतों के राजा हिमालय के घर पुत्री के रूप में जन्म लिया था, इसीलिए इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है। देवी शैलपुत्री को देवी पार्वती के नाम से भी जाना जाता है।

मां शैलपुत्री पूजा विधि

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा के साथ घटस्थापना भी की जाती है। यानी नवरात्रि की पूजा कलश स्थापना से शुरू होती है। मां शैलपुत्री की पूजा विधि शुरू करने से पहले सुबह उठकर स्नान करें और मंदिर को सजाएं। इसके बाद कलश स्थापना कर पूजा शुरू करें। देवी की मूर्ति या तस्वीर पर सिंदूर का तिलक लगाएं और फिर लाल फूल चढ़ाएं। इसके बाद देवी को फल और मिठाई का भोग लगाएं और देवी के सामने घी का दीपक जलाएं। देवी की आरती करने के साथ दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर व्रत रखने का संकल्प लें।

माँ शैलपुत्री का भोग

माँ शैलपुत्री का संबंध चंद्रमा से है। उन्हें खीर, रसगुल्ले, पताशा आदि सफेद रंग के खाद्य पदार्थ अर्पित किए जाते हैं। बेहतर स्वास्थ्य और लंबी आयु के लिए माँ शैलपुत्री को गाय का घी चढ़ाएं या गाय के घी से बनी मिठाई का भोग लगाएं।

मां शैलपुत्री का प्रार्थना मंत्र (मां शैलपुत्री मंत्र) ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नमः।

मां शैलपुत्री का पूजन मंत्र है वंदेवांचितलाभाय चंद्रधाकृतशेखरम्। वृषारूढं शूलधरं शैलपुत्रीं यशस्विनीम्।

मां शैलपुत्री पूजा आरती

देवताओं की जय हो.

शिव शंकर की प्रिया भवानी।

आपकी महिमा को कोई नहीं जानता.

उसे पार्वतीतुमा कहा जाता है।

जो लोग तुम्हें याद करते हैं उन्हें खुशियाँ मिलें।

आप रिद्धि और सिद्धि प्रदान करें।

Saluja gold international school

विज्ञापन

दया करो और मुझे धनवान बना दो।

सोमवार कोशिव के साथ प्यारा।

जिसने आरती उतारी.

अपनी पूरी शक्ति से उसकी पूजा करो.

सारे दुःख-दर्द मिला दो।

घी का सुन्दर दीपक जलाकर.

गोलागरी चढ़ाकर।

भक्तिपूर्वक मंत्र का जाप करें।

फिर प्रेम से सिर झुकाएं।

जय गिरिराजकिशोरी अम्बे।

शिव मुख चंद्रचकोरी अम्बे।

मेरी मनोकामना पूर्ण करें।

भक्तों को सुख-संपत्ति से भर दें।

माँ शैलपुत्री की पूजा माँ शैलपुत्री का महत्व

माँ शैलपुत्री की पूजा करने से सुख-समृद्धि मिलती है जीवन में स्थिरता आती है। मां शैलपुत्री की विधिवत पूजा करने से वैवाहिक जीवन सुखमय बना रहता है और घर में समृद्धि आती है। इनकी पूजा से मूलाधार चक्र जागृत होता है जो बहुत शुभ होता है। साथ ही नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने से वैवाहिक जीवन से जुड़े सभी दोष दूर होते हैं। चन्द्रमा के दोष दूर होते हैं और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

href="https://chat.whatsapp.com/IsDYM9bOenP372RPFWoEBv">

ADVERTISMENT

--------------------- विज्ञापन --------------------- --------------------- विज्ञापन ---------------------

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Before Author Box 300X250