Samridh Samachar
News portal with truth
- Sponsored -

- Sponsored -

बूढ़े माता-पिता को कांवर में बिठाकर 105 KM की यात्रा पर निकले बेटा-बहू

407
Below feature image Mobile 320X100

कलयुग में आज जहां वृद्ध माता-पिता की सेवा करना बेटा और बहू एक बोझ मानते हैं तो वहीं इसी कलयुग में बिहार का एक पुत्र और पुत्र वधु श्रवण कुमार की भूमिका निभा रहे हैं. सावन मेला में ये दंपती अपने माता-पिता को ठीक उसी तरह तीर्थ (बाबाधाम की यात्रा) पर निकला है जैसे कभी श्रवण कुमार निकले थे. बिहार के जहानाबाद के रहने वाले चंदन कुमार और उनकी पत्नी रानी देवी माता-पिता को देवघर ले जाने के लिए श्रवण कुमार बन गए और अपने माता-पिता को लेकर बाबाधाम की यात्रा पर निकले हैं.

सुल्तानगंज से जल भरकर दोनों देवघर के लिए प्रस्थान किये. चंदन कुमार ने बताया कि हम प्रत्येक महीने सत्यनारायण व्रत का पूजन करते हैं और उसी के दौरान मन में इच्छा जाहिर हुई माता और पिताजी को बाबाधाम की पैदल तीर्थ कराने की लेकिन माता और पिताजी वृद्ध हैं तो ऐसे में 105 किलोमीटर की लंबी यात्रा पैदल तय करना संभव नहीं था.

चंदन ने बताया कि इसके लिए मैंने अपनी पत्नी रानी देवी को बताया तो उन्होंने ने भी इसमें अपनी भागीदारी देने की हिम्मत दी.जिसके बाद हम दोनों ने ये कार्य करने की ठान ली और इसके लिए माता-पिता की भी अनुमति ली.

विज्ञापन

विज्ञापन

इसके बाद मैंने निर्णय लिया कि माता-पिता को हम बहंगी में बिठाकर अपने कंधे के बल इस यात्रा को सफल करेंगे. इसी दौरान मैंने एक मजबूत कांवड़नुमा बहंगी तैयार करवाया और कल सुल्तानगंज से जल भरकर उस बहंगी में आगे पिताजी और पीछे माताजी को बिठाकर यात्रा शुरू की है.

बहंगी के आगे हिस्से को इस वृद्ध दंपती के पुत्र ने अपने कंधे पर लिया है जबकि उनकी पत्नी रानी देवी पीछे से सहारा दे रही हैं. उन्होंने बताया कि लंबी यात्रा है समय लगेगा लेकिन हम इस यात्रा को जरूर सफल करेंगे.

बहू रानी ने बताया कि पति के मन में इच्छा जाहिर हुई तो मुझे भी इसमें भागीदार बनने का मन हुआ. हमलोग खुश हैं कि अपने सास-ससुर को बाबाधाम की यात्रा कराने निकले हैं और लोग भी हम लोगों को हिम्मत दे रहे हैं और प्रसंशा कर रहे हैं.

रानी ने कहा कि मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा है. चंदन की माता ने बताया कि हम तो आशीर्वाद ही दे सकते हैं. भगवान से प्रार्थना है कि मेरे पुत्र को सबल बनाएं. ऐसे समय में जब लोग अपने माता पिता को घर तक से निकाल दे रहे है वहीं एक पुत्र और पुत्र वधु का श्रवण कुमार बन माता पिता को कांधे पे टांगकर 105 किलोमीटर का यात्रा कराना सच में अकल्पनीय है.

GRADEN VIEW SAMRIDH NEWS <>

href="https://chat.whatsapp.com/IsDYM9bOenP372RPFWoEBv">

ADVERTISMENT

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Before Author Box 300X250