
नवजीवन नर्सिंग होम में हुए हंगामे को लेकर IMA गिरिडीह गंभीर
Giridih : मंगलवार की देर शाम गिरिडीह शहर के कोर्ट रोड स्थित नवजीवन नर्सिंग होम में एक गर्भवती महिला के इलाज को लेकर हुए हंगामे के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन गिरिडीह इकाई ने बुधवार को प्रेसवार्ता कर चिकित्सकों का पक्ष स्पष्ट किया। IMA ने साफ कहा कि इलाज के दौरान भीड़ जुटाकर हंगामा करना न सिर्फ चिकित्सकीय कार्य में बाधा है, बल्कि मरीज की जान को भी खतरे में डालने जैसा है।
प्रेसवार्ता की अध्यक्षता डॉ. रियाज अहमद ने किया। जबकि डॉ. रितेश सिन्हा ने विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मंगलवार शाम करीब 5:30 बजे जमुआ के हीरोडीह थाना क्षेत्र के रेम्बा से मुन्ना अंसारी अपनी 19 वर्षीय 7 माह की गर्भवती पत्नी रोशन परवीन को बेहोशी की हालत में नवजीवन नर्सिंग होम लाए। महिला की स्थिति गंभीर थी, उसे बुखार भी था। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अमिता राय ने तत्काल 3 से 5 यूनिट ब्लड की जरूरत बताई और स्पष्ट कर दिया कि बिना ब्लड के इलाज आगे नहीं बढ़ाया जा सकता।

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चिकित्सकों के अनुसार, परिजन समय पर ब्लड की व्यवस्था नहीं कर सके। लगभग पौने 9 बजे एक यूनिट ब्लड लाया गया, लेकिन तब तक मरीज की हालत और बिगड़ चुकी थी। डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर करने की सलाह दी, लेकिन इसके बाद मरीज पक्ष से जुटे 50 , 60 लोगों की भीड़ ने अस्पताल परिसर में हंगामा शुरू कर दिया। डॉक्टरों पर दबाव बनाया जाने लगा, शोर-शराबा और अव्यवस्था फैल गई। स्थिति बिगड़ते देख नर्सिंग होम प्रबंधन ने पुलिस को सूचना दी। नगर थाना और डीएसपी कौशर अली मौके पर पहुंचे और भीड़ को समझाकर माहौल शांत किया। इसके बाद मरीज को हायर सेंटर भेजा गया।
IMA गिरिडीह ने कहा कि डॉक्टरों की भूमिका मरीज को बचाने की होती है, लेकिन इलाज में परिजनों का समय पर सहयोग न मिलना बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। डॉक्टरों ने आमजन से अपील की कि ऐसी परिस्थितियों में संयम बरतें और चिकित्सा प्रक्रिया को समझें। हंगामा कर डॉक्टरों पर दवाब डालना समाधान नहीं है।
प्रेसवार्ता में नर्सिंग होम की सीईओ स्वाति बगेड़िया, डॉ. मो. आजाद, डॉ. विकास लाल, डॉ. नीरज डोकानिया, डॉ. आर. आर. बरनवाल, डॉ. उत्तम जालान, डॉ. विनय गुप्ता, डॉ. अमिता राय, डॉ. फराज जमील, डॉ. सीता, डॉ. पंकज प्रसाद वर्मा समेत कई चिकित्सक मौजूद थे।