देवो के देव महादेव को सनातन धर्म में संसार का संहारक माना जाता है. रायगढ़ जिले के तहसील न्यायालय में अजीबोगरीब मामला देखने को मिला. महादेव को पेशी के लिए ठेले पर बिठाकर ले जाया गया. तहसील न्यायालय ने पेशी में शामिल नहीं होने पर 10 हजार का जुर्माना लगाने की चेतावनी दी थी. भगवान भोलेनाथ को कुछ दिन पहले नजूल की भूमि पर मंदिर निर्माण होने के कारण नोटिस दिया गया था. जवाब में भगवान आज तहसील न्यायालय की पेशी पर पहुंचे. भगवान तय समय पर पहुंच गए लेकिन नोटिस देने वाले अधिकारी ही तहसील कार्यालय से नदारद रहे और अब भगवान को नई तारीख पर न्यायालय में पेश होना पड़ेगा.
कलेक्ट्रेट की कर्मचारी महिला ने नजूल भूमि पर अवैध कब्जा को हटाने के लिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने रायगढ़ तहसील न्यायालय को संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया. हाईकोर्ट से आदेश मिलने के बाद तहसील न्यायालय ने संबंधित लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया. रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 25 कऊहाकुंडा में शिव मंदिर कऊहाकुंडा को भी नोटिस दे दिया गया.
पेशी के लिए ठेले पर ले जाए गए भगवान
आज कऊहाकुंडा वार्ड पार्षद और मोहल्ला वासी शिवलिंग को रिक्शा में लेकर नोटिस की कॉपी के साथ तहसील न्यायालय में पेशी पर लाए. लेकिन तहसीलदार जनसुनवाई में व्यस्त होने के कारण हाजिर नहीं हो सके. अब वार्ड की पार्षद हाइकोर्ट में शिकायत करने वाली के खिलाफ पहुंच गई है. वार्ड पार्षद ने कहा कि गरीब मजदूरों को मौके से हटाया जा रहा है और एक हिंदू होकर हिंदू धर्म का अपमान कर रही है. मोहल्ले के साथ साथ भगवान को उखाड़ने की कोशिश हो रही है.
13 अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई
मामले में अब अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी. भगवान शिव के चल रहे विवाद पर जल्द तहसील कार्यालय से संशोधित नोटिस जारी किया जाएगा. नायब तहसीलदार ने बताया कि मंदिर को नोटिस लिपिक की गलती के कारण हुआ था और अन्य लोगों को दी गई नोटिस की सुनवाई अप्रैल महीने की 13 तारीख को होगी. अगली सुनवाई में मंदिर के पुजारी जवाब पेश करेंगे.