गिरिडीह : जमुआ प्रखंड के कुरहोबिंदो पंचायत के उखरसाल के ग्रामीणों ने वृक्षारोपण में रेंजर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. वहीं इस संबंध में पिछले दिनों वन प्रमंडल पदाधिकारी पश्चिमी प्रक्षेत्र को आवेदन देकर इसकी जांच करने और निर्धारित मापदंडों के तहत वृक्षारोपण कार्य कराए जाने की मांग की थी. मगर इस मामले में अबतक वन प्रमंडल पदाधिकारी पश्चिमी प्रक्षेत्र द्वारा कोई पहल नहीं की गई है. जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है.
इस संबंध में ग्रामीणों का आरोप है कि बिना समिति का गठन किये व बिना ग्रामीणों को जानकारी दिए मनमाने तरीके से वृक्षारोपण का कार्य किया जा रहा है. और इसमें पैसे की बन्दरबांट कर घोर अनियमितता बरती जा रही है.
स्थानीय वार्ड सदस्य मनोज कुमार दास एवं शंकर साव ने कहा कि वृक्षारोपण के लिए जहां एक फीट का गढ्ढा होना है वहां मात्र 3 से 4 इंच गढ्ढा किया जा रहा है. ट्रेंच काटकर 4 फीट गढ्ढा करना है उसे डेढ़ दो फीट में ही छोड़ दिया जा रहा है. इसी तरह चोड़ाई 6 फीट के जगह 4 फीट ही की जा रही है.
इतना ही नहीं ये कार्य स्थानीय मजदूरों से कराये जाने का प्रावधान है. मजदूर के नहीं मिलने पर स्थानीय स्तर पर जेसीबी का इस्तेमाल करने का नियम है. मगर स्थानीय मजदूर बेरोजगार हैं और रेंजर नियम कानून को धत्ता बताते हुए अपने निजी व्यक्ति से जेसीबी मंगवाकर काम करवा रहे हैं.
आरोपों को बताया बेबुनियाद
इधर इस संबंध में दूरभाष पर जब रेंजर दिग्विजय सिंह से जानकारी ली गई तो उन्होंने आरोपों को बेबुनियाद बताया. कहा कि स्थानीय ग्रामीण पैसे की मांग कर रहे हैं. और पैसे नहीं मिलने के कारण वो आरोप लगा रहे हैं.
सरकारी मापदंड के अनुसार ही होगा काम
वहीं इस मामले में पश्चिमी प्रक्षेत्र के वन प्रमंडल पदाधिकारी सबा आलम अंसारी से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि कार्य पूर्ण नहीं हुआ है. बताया कि सरकारी मापदंड के अनुसार ही काम होगा हमने निर्देश दे दिया है.
बहरहाल, एक तरफ ग्रामीण रेंजर व अन्य पदाधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं. वहीं रेंजर कुछ और ही बात कह रहे हैं. योजना स्थल पर जो तस्वीरें देखने को मिली है. उसमें अनियमितता बरती जा रही है. इससे इंकार नहीं किया जा सकता है. जरूरत है वन प्रमंडल पदाधिकारी स्वंय इसकी मॉनिटरिंग कर योजना के मापदंड के अनुकूल काम करायें. ताकि अगर इसमें अनियमितता बरती जा रही है तो इसपर रोक लगे और बेहतर ढंग से योजनानुसार वृक्षारोपण हो सके.