Samridh Samachar
News portal with truth
- Sponsored -

- Sponsored -

मछली मारने को लेकर दो पक्ष हुए आमने-सामने, बतौर मजिस्ट्रेट गए प्रभारी सीओ को ग्रामीणों ने रोका

357
Below feature image Mobile 320X100

तिसरी : थाना क्षेत्र अंतर्गत किशुटांड़ और तेतरिया मौजा के विवादित जमीन पर स्थित एक तालाब में मछली मारने को लेकर शुक्रवार को दो पक्ष आमने-सामने हो गए। मामले में दोनों पक्ष के लोगों के अपने अपने दावे हैं। एक पक्ष के रूप में किशुटांड़ गांव के दर्जनों लोग तालाब में मछली मारने पर उतारू दिखे, वहीं दूसरा पक्ष इसे अपनी रैयती जमीन होने का हवाला देकर मछली नहीं मारने देने पर अड़ा रहा। किशुटांड़ स्थित तालाब के पास इसको लेकर मामला काफी गर्म रहा। बताया जाता है कि एसडीओ के आदेश पर मामले का समाधान करने गए बतौर मजिस्ट्रेट के रूप में तिसरी के प्रभारी सीओ दीपक कुमार को भी मछली नहीं मारे जाने के बाद ग्रामीणों के कोपभाजन का शिकार होना पड़ा।

विज्ञापन

विज्ञापन

बताया जाता है कि किशुटांड़-घंघरीकुरा रोड के उत्तर साइड में एक तालाब है जो किशुटांड़ और तेतरिया गांव के मौजा में पड़ता है। उक्त तालाब पर दो पक्षों के लोग अपना-अपना दावा कर रहें हैं। नंदू नामक व्यक्ति उक्त तालाब की जमीन को अपनी रैयती जमीन बता रहा है तो किशुटांड़ के लोग इसको गैरमजरूआ। मामला यही फंसा हुआ है। किशुटांड़ तालाब को लेकर दो पक्षों के बीच में काफी दिनों से विवाद चल रहा है।
इधर ग्रामीणों के लिखित आवेदन पर एसडीओ ने सीओ को मजिस्ट्रेट नियुक्त कर अपने नेतृत्व में प्लॉट नम्बर 400 और 402 पर स्थित तालाब में मछली मरवाने का आदेश दिया था। सीओ पुलिस बल के साथ किशुटांड़ गांव स्थित तालाब के पास इसी आदेश के आलोक में पहुंचे थे। जहां पर दोनों पक्ष के लोग पहले से मौजूद थें। सीओ के वहां पहुंचने के बाद मछली मारने की प्रक्रिया शुरू की जाती। लेकिन इसके पहले ही एक पक्ष के व्यक्ति जमीन का कागजात लेकर आए और कहा कि प्लॉट नम्बर 447 पर तालाब बना हुआ है। जो उसकी रैयती जमीन है। अब मामला यहीं फंस गया। कागजातों की जांच के बाद मछली मारे जाने की बात कहकर सीओ वहां से जाने लगे परंतु कुछ कदम बाद ही महिलाएं सड़क पर आ गई और महिलाओं ने सीओ की गाड़ी को रोक दिया। बताया जाता है कि लगभग दो घंटे तक महिलाओं और पुरुष ग्रामीणों ने सीओ को रोके रखा। लेकिन फिर भी सीओ द्वारा आदेश नही दिया गया।

इधर सीओ दीपक कुमार ने कहा कि प्लॉट नम्बर 400 और 402 में मछली मारने का आदेश मिला है। परंतु तालाब का कुछ हिस्सा प्लॉट नम्बर 447 में पड़ता है। जिसपर एक व्यक्ति द्वारा रैयती जमीन होने का दावा किया जा रहा है। कागजातों की जांच के बाद ही उक्त तालाब में मछली मारने का आदेश दिया जाएगा।

 

href="https://chat.whatsapp.com/IsDYM9bOenP372RPFWoEBv">

ADVERTISMENT

GRADEN VIEW SAMRIDH NEWS <>

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Before Author Box 300X250