तिसरी के जमुनियाटांड़ गांव में नहीं है पानी की कोई सुविधा
तिसरी : एक ओर केंद्र व राज्य सरकार द्वारा गाँव – गाँव तक चौमुखी विकास करने की बात कही जाती रही है. सरकार द्वारा लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कई योजनाएं चलाई जाती है. वहीं आज भी कुछ ऐसे गाँव हैं जहाँ के लोग पीने के लिए स्वच्छ पानी तक के लिए तरस रहे हैं. मजबूरन उन्हें नदी आदि का पानी पीना पड़ता है. ऐसे में विकास की अन्य बातें भी इन इलाकों के लिए बेईमानी है. ऐसा ही एक गांव तिसरी प्रखंड मुख्यालय से महज एक किलोमीटर की दुरी पर स्थित जमुनियाटांड़ है. जहाँ के लोग सोति का पानी पीने को मजबूर हैं.
मुख्यालय के नजदीक बसे 200 लोगों की आबादी वाले इस गाँव के लोग लगभग 20 वर्षों से पानी का बर्तन सर पर लेकर पगडंडियों के सहारे आधे किलोमीटर दूर स्थित एक सोति से पानी लाते हैं. ऐसे में इन लोगों के बीच विभिन्न प्रकार की बीमारी फैलने का भी खतरा बना रहता है. वहीं इस समस्या को देखते हुए आजसू नेता नारायण यादव ने कहा कि आज के समय में भी इस गाँव के लोग सोति का पानी पीने को मजबूर हैं. इससे जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा किये गए विकास का पोल खुल रहा है. ग्रामीणों ने प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से इस दिशा में तत्काल सकारात्मक पहल करने की गुहार लगाई है.
रिपोर्ट : चन्दन भारती