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आईसेक्ट विश्वविद्यालय में कृषि क्षेत्र में कोर्स कर विद्यार्थी बना सकते हैं अपना भविष्य

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हजारीबाग : बीते कुछ वर्षों में आईसेक्ट विश्वविद्यालय हजारीबाग में चलाए जा रहे विभिन्न कोर्सों में बीएससी एवं एमएससी (एग्रीकल्चर) की ओर विद्यार्थियों का तेजी से रुझान बढ़ा है। इसके पीछे की वजह इस क्षेत्र में रोजगार के बढ़ते संभावनाओं को माना जा रहा है।

कृषि प्रधान देश भारत का एक बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर है। ऐसे में इससे संबंधित उन्नत तकनीकों का विकास भारत में कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है। बीएससी (एग्रीकल्चर) या एमएससी (एग्रीकल्चर) की यदि बात की जाए तो इन कोर्सों के तहत कृषि कार्य को उन्नत बनाने के लिए कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों की जानकारी विद्यार्थियों को दी जाती है। इस कोर्स के जरिए नई और उन्नत तकनीक के माध्यम से कम खर्च और कम जगह का प्रयोग कर अधिक उत्पादन कैसे किया जा सके, इस पर विशेष बल दिया जाता है।

विद्यार्थियों की न्यूनतम योग्यता 12वीं पास

कृषि क्षेत्र में कोर्स करने के लिए विद्यार्थियों की न्यूनतम योग्यता 12वीं पास है यानि ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने विज्ञान विषय गणित या जीव विज्ञान के साथ 12वीं की परीक्षा पास की है, वह कृषि विज्ञान के तहत बीएससी (एग्रीकल्चर) में नामांकन करा कर अपना भविष्य उज्ज्वल बना सकते हैं। बीएससी (एग्रीकल्चर) की कोर्स अवधि 4 वर्षों की होती है और इसमें बैचलर डिग्री की उपाधि विद्यार्थियों को दी जाती है। परास्नातक कोर्स करने के लिए विद्यार्थियों को एग्रीकल्चर क्षेत्र के साथ बैचलर डिग्री का होना आवश्यक है।

करियर की अपार संभावनाएं

एग्रीकल्चर कोर्स के द्वारा विभिन्न प्रकार के कैरियर के लिए विद्यार्थियों को तैयार भी किया जाता है जिसमें पशुपालन, खेती, कृषि विज्ञान या बागवानी प्रबंधन  शामिल हैं। इसलिए केवल यह सोचना कि कृषि क्षेत्र में कोर्स करने के बाद केवल खेती ही उन्नत तरीके से किया जा सके पूर्ण सत्य नहीं है। इसमें करियर की अपार संभावनाएं हैं। केंद्र एवं राज्य सरकार के कई विभाग, बैंक, नाबार्ड, निजी कंपनियों में कृषि विशेषज्ञ के लिए रिक्तियां निकलती है, जहां काम कर अच्छी सैलरी प्राप्त किया जा सकता है।

कृषि विशेषज्ञों के लिए निकलती रहती है रिक्तियां

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सरकारी नौकरी की यदि बात की जाए तो कृषि से बीएससी, एमएससी करने के बाद मिनिस्ट्री ऑफ एग्रीकल्चर, डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च एंड एजुकेशन, एग्रीकल्चर एंड फार्मर्स वेलफेयर डिपार्टमेंट, फूड इंस्पेक्टर , मार्केटिंग इंस्पेक्टर , तकनिकी सहायक, ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर , विलेज डेवलपमेंट ऑफिसर, कृषि वैज्ञानिक, इंडियन फ़ॉरेस्ट सर्विस ,रेंजर , मैनेजमेंट ट्रेनी (कृषि), ब्लॉक टेक्निकल मैनेजमेंट जैसे कई विभागों में कृषि विशेषज्ञों के लिए रिक्तियां निकलती रहती है।

कृषि क्षेत्र में कोर्स पूरा करने के बाद बैंक एएफओ (एग्रीकल्चर फिल्ड ऑफिसर) विद्यार्थियों के लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है। आईबीपीएस स्पेशलिस्ट ऑफीसर की परीक्षा देकर बैंक में अधिकारी रैंक पर आसानी से एग्रीकल्चर कोर्स के  विद्यार्थी काबिज हो सकते हैं।

इसके अतिरिक्त कई निजी कंपनियां जो कृषि क्षेत्र को उन्नत बनाने के लिए उत्पाद बेचती है, वैसे कंपनियों में आसानी से बेहतर सैलरी पर कृषि क्षेत्र में कोर्स किए हुए विद्यार्थियों को काम मिल जाता है। साथ ही कृषि क्षेत्र में एमएससी, पीएचडी करने के बाद कॉलेज या विश्वविद्यालय  में संबंधित कोर्स को पढ़ा कर भी एक बेहतर रोजगार की दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है।

स्वयं के रोजगार के अवसर भी इस क्षेत्र में उपलब्ध

इसके अतिरिक्त एग्रीकल्चर क्षेत्र में  बागवानी, मुर्गी पालन, पौध विज्ञान, मृदा विज्ञान, खाद्य विज्ञान, प्रसार विज्ञान, मशरूम उत्पादन , पादप रोग विज्ञान , पादप ब्रीडिंग , बीज तकनिकी विज्ञान आदि में नौकरी के अवसर यह कोर्स प्रदान करता है। साथ ही स्वयं के रोजगार के अवसर भी इस क्षेत्र में उपलब्ध हैं। इस क्षेत्र में और कुछ अनुभव के साथ स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद कृषि व्यवसाय, कृषि उत्पादों की दुकान, कृषि उद्योग जैसे अपना खुद का व्यवसाय भी शुरू किया जा सकता है।

कौशल आधारित क्वालिटी एजुकेशन के लिए प्रतिबद्ध

विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद ने बताते हैं कि आईसेक्ट विश्वविद्यालय कौशल आधारित क्वालिटी एजुकेशन के लिए प्रतिबद्ध है । यही कारण है कि आईसेक्ट विश्वविद्यालय में विभिन्न विषयों में बीए, बीएससी, बीकॉम, एमए, एमएससी, एमकॉम, बीलिब, एमलिब के अतिरिक्त मैनेजमेंट के क्षेत्र में बीबीए, पीजीडीआरडी, एमबीए, कंप्यूटर साइंस एवं आईटी में डीसीए, पीजीडीसीए, बीसीए, बीएससी (आईटी) एमएससी (आईटी), कृषि के क्षेत्र में बीएससी (एग्रीकल्चर) , एमएससी (एग्रीकल्चर) , पत्रकारिता में बीजेएमसी, एमजे, योग में  एमए इन योगा, पीजी डिप्लोमा इन योगा जैसे व्यवसायिक कोर्स चलाए जा रहे हैं ताकि विद्यार्थी पढ़ाई के साथ-साथ तकनीकी और कौशल के क्षेत्र में भी महारत हासिल कर उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर हो सके।

 

उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय का उद्देश्य तकनीकी स्तर पर कुशल, पारंपरिक ज्ञान, मूल्य आदि का विद्यार्थियों में विकास करते हुए उन्हें आधुनिक प्रवेश के लिए तैयार करना है। उनहोंने बताया कि विद्यार्थियों के सम्पूर्ण विकास के लिए समय समय पर सांस्कृतिक कार्यक्रम , यूथ फेस्टिवल एवं खेल-कूद के कार्यक्रम कराये जाते हैं I

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