मधुबन में झारखंड सराक जैन संघ की हुई बैठक
मधुबन : झारखंड सराक जैन संघ की एक बैठक गुरुवार को मधुबन शिखरजी के सराक भवन में हुई। गौरांग मांझी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में गिरिडीह जिले में रहने वाले सराक जैन समाज के सदस्यों ने भाग लिया। बैठक में समाज के सदस्यों ने सराक समाज की सामाजिक और राजनीतिक पहचान और स्वीकार्यता को मजबूत करने के लिए संगठित तरीके से कार्य करने का निर्णय लिया।
झारखंड सराक जैन संघ के संयोजक रीतेश सराक ने बताया कि सराक झारखंड की प्राचीन मूलवासी जैन जाति है। शांतिप्रिय यह समाज अपने मूल अधिकारों से वंचित है और पहचान की संकट से जूझ रही है। उन्होंने बताया कि सराक जैन समाज राज्य में एक उपेक्षित अल्पसंख्यक समाज है। राज्य का मूलवासी जैन धर्मावलंबी यह समाज धार्मिक और भाषाई दोनों स्तर पर अल्पसंख्यक समाज है। राज्य के गिरिडीह, बोकारो, धनबाद, जामताड़ा, दुमका, रांची, खूंटी, सरायकेला खरसावां, पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम के अंचलों में सराक जाति के लोग प्राचीन काल से निवास करते आ रहे हैं। झारखंड सराक जैन संघ राज्य सरकार से राज्य अल्पसंख्यक आयोग में प्रतिनिधित्व देने की मांग करता है। झारखंड में सराक समाज मूलवासी जैन समाज है, इसीलिए राज्य अल्पसंख्यक आयोग में जैन समुदाय के कोटे से प्रतिनिधित्व करने का स्वाभाविक और मूल अधिकार सराक जैन समाज का ही है।
काजल राय बने संघ के गिरिडीह जिला प्रभारी
झारखंड सराक जैन संघ के संयोजक रीतेश सराक की देखरेख में सर्वसम्मति से संघ की गिरिडीह जिला कमेटी का गठन किया गया। जिसमें काजल राय को जिला प्रभारी, मनोरंजन सराक, गौरांग माझी, तापस माजी और मलय माजी को सह प्रभारी, निहार रंजन माजी को कोष प्रभारी, असीम कुमार माजी, यादव मंडल, सुनील माजी, विकास माजी और सजल माजी को कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया।