गावां : रोजा रखना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। यह पेट की तमाम बीमारियों पर कंट्रोल करता है। इंसान को कई बीमारियां पेट की खराबी की वजह से होती हैं, जो रोजा रखने से दूर हो जाती हैं। लेकिन, रोजेदार के जिस्म में पानी की कमी न होने पाए, इसपर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
भारतीय संस्कृति का हिस्सा है उपवास
प्राचीन काल से ही उपवास (रोजा) भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि ज्यादा भोजन मोटापा सहित कई बीमारियों की वजह बन जाता है। इसलिए बीच-बीच में रोजा रखना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। मुसलमान तो पूरे रमजान माह रोजे रखते है।आजकल गर्मी में भी तमाम मुसलमान रोजे रख रहे हैं।
गावां सीएचसी के डॉ. काजिम खान कहते हैं कि गर्मी की वजह से शरीर में पानी की कमी हो सकती है। इसलिए रोजेदारों को इस बात का पूरा ख्याल रखना चाहिए। इफ्तार और सहरी में पानी पीने के साथ ही फलों और जूस का खूब इस्तेमाल करें। वह कहते हैं कि रोजा अल्लाह की इबादत के साथ ही इंसान की सेहत के लिए फायदेमंद है। रोजा पेट की तमाम बीमारियों पर कंट्रोल करता है। एक आदमी को अपना वजन कम करने में डायङ्क्षटग के मुकाबले रोजा रखने से ज्यादा फायदा होता है। कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता है। डॉ. काजिम का कहना है कि रोजा कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के साथ ही पेट की तमाम बीमारियों को दूर करता है। डायबटीज के मरीज भी रोजा रख सकते हैं, लेकिन शुगर लेबल 100 से कम और 200 से ज्यादा न हो। इफ्तार में ताजे फल, दही और सलाद का इस्तेमाल करें। नीबू पानी भी पीएं। मीठी चीजों का परहेज करें।
इफ्तार में ज्यादा न खाएं
लंबे समय तक खाली पेट रहने के बाद अक्सर लोग इफ्तार के दौरान एक साथ ज्यादा खा लेते हैं। ऐसा करना सेहत के लिहाज से ठीक नहीं है। इफ्तार में हल्का खाकर मगरिब की नमाज पढ़ें और फिर करीब एक घंटे बाद भरपेट खाना खाएं। इफ्तार में फल, दही, भीगे हुए अनाज, सलाद, कस्टर्ड आदि खाया जा सकता है। पकौड़ा, पापड़, फुल्की व तली हुई चीजें खाने से बचना चाहिए। रोजा सादे पानी या खजूर से खोलना चाहिए। नीबू पानी व शर्बत खूब पीना चाहिए। शर्बत में कैलोरी सबसे कम और प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होने के साथ ही फैट बिल्कुल नहीं होता है। सहरी में तो बहुत ही हल्का भोजन लेना चाहिए।