
गिरिडीह : रमजान के आखिरी जुम्मे पर सभी मस्जिदों में शुक्रवार को रोजेदारों ने पूरे अकीदत के साथ नमाज अदा की। अंतिम जुम्मे की नमाज को लेकर रोजेदारों में उत्साह भी नजर आया। इस दौरान लाइन मस्जिद में भी काफी संख्या में रोजेदारों का जुटान रहा। जबकि शहर के बड़ा चौक स्थित मस्जिद, भंडारीडीह स्थित जामा मस्जिद, बुढ़ियाखाद मस्जिद, पचंबा मस्जिद, बिशनपुर मस्जिद समेत अन्य मस्जिदों में रोजेदारों ने पूरे अकीदत के साथ नमाज अदा की और अमन चैन की दुआएं मांगी।

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बताया गया कि अलविदा जुम्मे का खास महत्व और दर्जा है। यह जुमा अन्य जुमा के मुकाबले इसलिए खास है क्योंकि यह रमजान के महीने का आखिरी जुमा यानी शुक्रवार है। वहीं अलविदा का मतलब रमजान के पाक महीने का समाप्त होना यानी इसकी विदाई का है। यही वजह है कि इसे अलविदा कहते हैं और इसकी नमाज भी काफी अहम मानी जाती है। इस्लाम में लोग इसे छोटी ईद भी कहते हैं। माना जाता है कि अलविदा की नमाज के बाद अगर सच्चे दिल से दुआ मांगी जाए तो अल्लाह बंदे की हर जायज दुआ कुबूल फ़रमाते हैं और बंदों के तौबा को कुबूल करके उनके गुनाह माफ करते हैं।