गिरिडीह : सराक जैन समाज की प्रतिनिधि संस्था सराक प्राचीन जैन महासंघ ने विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के अवसर पर शुक्रवार को गिरिडीह में एक परिचर्चा का आयोजन किया। इसमें सराक और अन्य जैन समाज के लोगों ने भाग लिया। परिचर्चा में शामिल लगभग सभी वक्ताओं ने माना कि जैन समाज को केंद्रीय स्तर पर 6 साल पहले ही अल्पसंख्यक समुदाय का वैधानिक दर्जा प्राप्त हुआ है। लेकिन जागरूकता के अभाव में इस समाज के जरूरतमंद लोग और विद्यार्थी वर्ग अल्पसंख्यक दर्जा के तहत मिलने वाली तमाम सुविधाओं का लाभ लेने से वंचित है।
सराक महासंघ के रीतेश सराक ने कहा कि झारखंड में सराक समुदाय एक मूलवासी अल्पसंख्यक जैन समाज है। झारखंड में इस समाज का इतिहास बहुत पुराना है। लेकिन अभी तक इस समाज को किसी तरह का सरकारी संरक्षण और लाभ प्राप्त नहीं है। इसी कड़ी में श्री सराक प्राचीन जैन महासंघ द्वारा अल्पसंख्यक अधिकारों को जानने के लिए समाज में जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है, ताकि समाज के जरूरतमंद लोग इनका लाभ ले सकें।
परिचर्चा में रीतेश सराक, संदीप माजि, काजल राय, नटवर माजि, मलय माजि, असित माजि, बबलू सराक, अजितेश सराक, राजेश पाडिया, अनिमेष और अन्य लोग शामिल थे।