एसडीएम के कार्रवाई के बावजूद पुनः शुरू हुआ अवैध बालू का कारोबार, स्थानीय पुलिस के भूमिका पर उठ रही है सवाल

गावां : गावां प्रखंड में इनदिनों अवैध बालू तस्करी का कारोबार एसडीएम के कार्रवाई के बावजूद पुनः शुरू हो गया है और बड़े पैमाने पर धडल्ले से बालू बिहार भेजा जा रहा है। इससे यहां के स्थानीय पुलिस प्रशासन के भूमिका पर सवाल उठ रही है। क्योंकि जिस कदर यहां बालू का अवैध कारोबार चल रहा है। जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि यहां के स्थानीय पुलिस प्रशासन से लेकर जिले के तमाम बड़े पदाधिकारियों को तस्करों द्वारा ऊंची कीमत दे कर खरीद लिया गया हो। ये अधिकारी और पदाधिकारी ना सिर्फ बालू के इस अवैध तस्करी को अपनी सहमति भी दे रहे हैं बल्कि उनका पूरी तरह संरक्षण भी कर रहे है जिससे यहां कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। और ये हम नहीं बल्कि यहां के ग्रामीणों का कहना है जो बालू के हो रहे इस अवैध तस्करी से परेशान है और नदी के अस्तित्व पर मंडरा रहे खतरे को लेकर चिंतित है। बता दें कि वर्तमान समय मे सरकार द्वारा 15 अक्टूबर तक बालू उठाव पर पूर्णतः रोक लगा लगा हुआ है। मगर गावां प्रखंड में इसका संज्ञान लेने वाला कोई नहीं है जिस कारण यहां एनटीजी के नियमों को ताक पर रखकर प्रतिदिन 80 से 100 ट्रक भरकर बालू गावां-सतगावां पथ से बिहार व अन्य सीमा राज्यों में भेजा जा रहा है।
*गावां प्रखंड के इन इलाकों से किया जा रहा है अवैध बालू की तस्करी*

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बताते चलें कि गावां प्रखंड के बिरने व मंझने एवं बेन्ड्रो के सकरी नदी से प्रतिदिन जेसीबी व ट्रैक्टर के माध्यम से बालू ट्रकों में लोड कर रात में बिहार के राजधानी पटना भेजा जा रहा है। वहीं प्रखंड के सायरा मोड, केंदुआडीह, बलथरवा पथ, कन्हैयामारण, बागदेडीह एवं पछियारीडीह नदी रास्ते के किनारे समेत कई स्थानों पर अवैध बालू का डीपो संचालित है। जहां दिन में ट्रैक्टर के माध्यम से इन जगहों में बालू का संग्रहण किया जाता है और रात में जेसीबी के माध्यम से ट्रक में लोड कर बिहार, यूपी जैसे अन्य राज्यों में भेजा जाता है।
*कोन है ये बालू माफिया*
गावां प्रखंड में बालू की तस्करी करने वाले बालू माफिया की संख्या 25 से 30 है। इनमे कुछ लोग आम ग्रामीण है तो कुछ सफेदपोश समेत नामचीन लोग शामिल हैं। वहीं इसके अलावा बिहार राज्य के भी कई लोग इस बालू तस्करी के कारोबार से जुड़े हुए हैं।
*आखिर कौन देता है बालू माफिया को संरक्षण और अधिकारियों को चढ़ावा*
ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार और नाम नही छापने की स्थिति में कुछ बालू माफियाओं ने बताया कि गावां पुलिस को एक ट्रक पर 1000 से 1500 रुपए तक दिया जाता है। इसके अलावा सतगावां पुलिस को प्रति ट्रक 500 से 1000 रुपए तक मिलता है, वहीं जिले के वरीय अधिकारियों को चढ़ावा इन तीन महीनो में चढ़ाना पड़ता है। इसके अलावा छोटे बड़े हिस्सों में वन अधिकारियों व अन्य पदाधिकारियों को भी अवैध कमाई में हिस्सेदारी दी जाती है। साथ ही उन्होंने बताया कि अगर कभी किसी पदाधिकारी द्वारा कार्रवाई की जाती है तो उन्हे स्थानीय प्रशासन या अधिकारी द्वारा खबर कर दी जाती है जिससे वे सतर्क हो जाते है। वहीं जिनका सांठगांठ नही है उन्हे खबर नहीं मिलने से वे पकड़े जाते है। इसके अलावा जब अखबार या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में खबर प्रसारित की जाती है या ग्रामीणों का अधिकारियों पर दवाब ज्यादा होता है तो एक दो ट्रकों को पकड़ कर बाकियों को भगा दिया जाता है।
*दूसरे राज्य में बालू के तस्करी के लिए फर्जी चालान का करते है प्रयोग*
मिली जानकारी के अनुसार और हाल के एसडीएम धीरेंद्र कुमार सिंह के नेतृत्व में हुई छापेमारी में यह बात सामने आई की बालू के तस्करी के लिए दूसरे जगह डंप यार्डों द्वारा दिए जा रहे चालान का बालू माफिया तस्करी करने के प्रयोग में ला रहे है। विगत हो कि दो दिन पूर्व छापेमारी में दो ट्रकों को पकड़ा गया था जिसमे उन्होंने टुंडी से बालू बिहार ले जाने की बात कही थी। मगर जब उनसे टोल रसीद मांगा गया तो चालकों के पसीने छूट गए और उन्होंने अपनी गलती मानी। जिसके बाद उन ट्रकों को जब्त कर लिया गया।
*नदी के अस्तित्व पर मंडरा रहा है खतरा और पुलिस पर उठ रही है सवाल*
प्रखंड में हो रही इस भरी पैमाने की बालू तस्करी ने नदी के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है तो वहीं प्रशासन के इस रवैया से कई सवाल उठ रहे हैं। आखिर जब एनजीटी को जल संरक्षण व पर्यावरण संरक्षण के लिए बनाया गया है और उसे लागू किया गया है तो फिर इसमें कोताही क्यों बरती जा रही है। जब रखवाले ही कुछ पैसों के लालच में चोरों को संरक्षण देने का कार्य करेंगे तो जनता किस पर विश्वास करेगी।
*शीघ्र ही टीम गठन कर होगी कार्रवाई : एसडीएम*
इधर, एसडीएम धीरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि गावां प्रखंड से पुनः अवैध तरीके से बालू उठाव कर बिहार भेजने की सूचना मुझे भी मिली है। शीघ्र ही टीम गठन कर बड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए तैयारी की जा रही है।