बगोदर : छठ महापर्व को लेकर विश्व हिन्दू परिषद ने झारखंड सरकार के गृह विभाग के द्वारा निर्देशित मापदंड को हिंदू आस्था के विरुद्ध बताया है। गिरिडीह जिला मंत्री धीरेन्द्र कुमार ने कहा छठ महापर्व समाज के गरीब से गरीब अथवा अमीर से अमीर, सभी की आस्था का एक ऐसा महापर्व है जिसका परंपरा पूर्व से बनी हुई है। जो किसी जलाशय अथवा नदी पर ही संध्या में अस्त व प्रात: में उदय होते सूर्य को अर्ध्य देने के बाद पूर्ण होती है। ऐसे में किसी भी श्रद्धालुओं को तलाब अथवा नदी में अर्घ्य नहीं देने की बात कहना, न्यायोचित नहीं है।
कहा कि वैश्विक कोरोना महामारी को देखते हुए प्रांत में हर व्यक्ति को सतर्क रहना अनिवार्य है,लोग मापदंड का अनुपालन कर भी रहें हैं। आज सभी लोगों को सतर्कता पालन करते हुए सार्वजनिक जगह में जाने की अनुमति प्रदान है। शिक्षण संस्था को छोड़कर बाजार, राजनीतिक चुनाव आदि अन्य बड़े – छोटे स्थानों पर भी सैकड़ों व्यक्ति एक जगह पर एकत्र हो रहे हैं, फिर छठ महापर्व में तलाब न जाने की निर्देश देना, क्या हिंदू आस्था के प्रति अनादार करना नहीं है?
जिला मंत्री ने कहा समाजिक समरस्ता के इस महापर्व में हिंदू समाज को अविवेकशील मानते हुए यदि सरकार इस प्रकार की परम्परा विरोधी निर्देश देती है, तो यह गलत है। हिंदू समाज को तिरस्कार करना सरकार का काम नहीं है।
दूरी का पालन करते हुए करेंगे पूजन-अर्चन
विश्व हिंदू परिषद, गिरिडीह सरकार से मांग करती है कि छठवर्तियों के पूजन-अर्चन पर किसी प्रकार का प्रशासनिक दबाव न हो।छठव्रतियों के लिए झारखंड के सभी तालाबों की शीघ्र साफ-सफाई करायें, प्रकाश की व्यवस्था हो व उचित दूरी में रहकर पूजा करने की व्यवस्था करायें। विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल के सभी कार्यकर्ता इस कार्य में सरकार व प्रशासन का सहयोग करेगा। विश्व हिंदू परिषद यह भी आश्वासन देती है कि छठवर्ती मापदंड को मानते हुए मास्क पहनेंगे एवं दूरी का पालन करते हुए पूजन-अर्चन करेंगे।