गिरिडीह : भाकपा माले समर्थित ‘कोल माइंस वर्कर्स यूनियन’ ने लॉकडाउन के समय गिरिडीह सीसीएल पर उनके पोषक क्षेत्र के गरीबों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए तत्काल इस रवैये में सुधार लाकर जरूरतमंद गरीबों को राहत देने को कहा है। यूनियन के संयोजक राजेश कुमार तथा सह संयोजक राजेश सिन्हा ने संयुक्त हस्ताक्षर युक्त एक ज्ञापन परियोजना पदाधिकारी को समर्पित करते हुए उन्हें विगत 9 अप्रैल को महाप्रबंधक के नाम दी गई चिट्ठी तथा इस आलोक में उनसे हुई वार्ता का भी हवाला दिया है।
मनमर्जी से राहत बंटवाने का किया जा रहा है काम
नेताद्वय ने बताया कि कोरोना के मद्देनजर सीसीएल क्षेत्र में जरूरी एहतियात और इंतजाम करने समेत पोषक क्षेत्र के अत्यंत गरीबों को राहत देने की मांग की गई थी। उस समय पर परियोजना पदाधिकारी ने कहा था कि यह राहत इलाके के मुखिया के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी इसलिए जरूरतमंदों की सूची उन्हें ही दे दी जाए। लेकिन बाद में मुखिया के नाम से राहत बंटवाने की महज खानापूर्ति कर यूनियन विशेष के कुछ नेताओं से सांठगांठ कर उनकी मनमर्जी से राहत बंटवाने का काम किया जा रहा है और बेहद जरूरतमंद लोगों की उपेक्षा कर एक तरह से सीसीएल के फंड का दुरुपयोग किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सीसीएल माइनिंग क्षेत्र के समीप सबसे ज्यादा प्रभावित गांव गुहियाटांड़ से लेकर कमलजोर, चुंजका, अंबाटांड़ जैसे कई गांवों में राहत नहीं बंटवाई गई है। इसी तरह पोषक क्षेत्र के सभी मुखिया तक को इसकी जानकारी देने के बजाय सीसीएल के राहत के पैकेट कुछ चहेते लोगों को उपलब्ध करा दिए गए जिनके द्वारा नेतागिरी स्टाइल में इसे मनमाफिक लोगों के बीच बंटवारा जा रहा है।
जरूरतमंद तक राहत सामग्री पहुंचाने की मांग
आज के पत्र के माध्यम से तत्काल इस रवैये में सुधार कर पोषक क्षेत्र के सभी जरूरतमंद लोगों तक सीसीएल की राहत सामग्री पहुंचाने की मांग करते हुए चेतावनी दी है, यूनियन नेताओं ने कहा कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे आगे बढ़ने को बाध्य होंगे।