गिरिडीह : जिला अंतर्गत तीसरी प्रखंड के भंडारी पंचायत में जिला समाज कल्याण विभाग एवं जिला बाल संरक्षण इकाई के द्वारा कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में बाल विवाह,बाल व्यापार, कुपोषण एनीमिया, डायन प्रथा, घरेलू हिंसा आदि विषयों पर आयोजित थी। जिसमें एसएचजी ग्रुप की महिलाओं, आंगनवाड़ी सुपरवाइजर, सेविका, सहायिका सहिया तथा गांव की महिला एवं किशोरियों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला में बाल विवाह तथा ठगी विवाद से हो होने वाले दुष्परिणाम पर विस्तार से चर्चा की गई।
मौके पर अभिव्यक्ति फाउंडेशन और जागो फाउंडेशन द्वारा बाल विवाह,बाल व्यपार, घरेलू हिंसा पर कानूनी जानकारी दी गई। वहीं बाल विवाह रोकथाम एवं जागरूकता अभियान जिला समाज कल्याण एवं बाल संरक्षण इकाई के साथ अभिव्यक्ति फाउंडेशन द्वारा बच्चों को प्रशस्ति पत्र दिया गया। यूनिसेफ के अरविंद ने जिले में कुपोषण के शिकार बच्चों को नजदीकी सेंटर में नामांकित कराते हुए बेहतर स्वास्थ्य लाभ लेने की सलाह दी। एनीमिया अभियान के तहत समाज कल्याण द्वारा महिलाओं का इलाज कराया गया तथा आयरन की गोली का वितरण किया गया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए समाज कल्याण पदाधिकारी ने कहा कि बाल विवाह से बच्चियों का विकास रुक जाता है तथा कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है साथ ही शोषण का खतरा भी बना रहता है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह रोकना हम सब की जिम्मेवारी है।
बाल संरक्षण पदाधिकारी श्याम प्रसाद ने कहा कि बाल विवाह एवं ठगी विवाह से बच्चियों की मानसिक और शारीरिक तौर पर गहरा असर होता है अतः इसे रोकना अति आवश्यक है। इस दौरान संरक्षण पदाधिकारी ने घरेलू हिंसा से बचाव एवं सहायता के बारे में लोगों को अवगत कराते हुए 181 टोल फ्री नंबर का जानकारी दी और कहा कि किसी तरह के घरेलू हिंसा कि सुचना इस नंबर पर दी जा सकती है। ताकि समय पर पिड़िता को बेहतर सहायता प्रदान किया जा सके।
कार्यक्रम के दौरान चाइल्ड लाइन के द्वारा बच्चों को जागरूक करते हुए मुसीबत में सहायता के लिए टोल फ्री नंबर 1098 पर सूचना देने की बात कही। कार्यक्रम में स्थानीय मुखिया, एनजीओ प्रतिनिधि, चाइल्ड लाइन के सदस्यों के अलावे गांव के सभी लोग उपस्थित थे।