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गिरिडीह : शहर के बरगंडा स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में सोमवार को विद्या भारती योजना के तहत क्रियात्मक शोध विषय पर शोध गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता स्थानीय विद्वत परिषद के संरक्षक तथा समिति के पूर्व उपाध्यक्ष उदयशंकर उपाध्याय ने की।
गोष्ठी में विषय प्रवेश करते हुए प्रधानाचार्य शिवकुमार चौधरी ने कहा कि विद्या भारती योजना में शोध अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे पठन-पाठन में आ रही समस्याओं का सम्यक समाधान होता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में शोध पर विशेष बल दिया गया है। यह निरंतर शिक्षण व्यवस्था में सुधार की प्रक्रिया है।
क्रियात्मक अनुसंधान के महत्त्व एवं उसके विभिन्न आयामों की दी जानकारी
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विभाग शोध प्रमुख अजित कुमार मिश्र ने गोष्ठी में उपस्थित आचार्य बंधु-भगिनी को पी० पी० टी० के माध्यम से क्रियात्मक अनुसंधान के महत्व एवं उसके विभिन्न आयामों की जानकारी दी। गोष्ठी के दौरान अध्यक्षीय भाषण में उदयशंकर उपाध्याय ने कहा कि विद्या भारती के चार आयामों में शोध एक अत्यंत महत्वपूर्ण आयाम है। क्रियात्मक शोध के माध्यम से शिक्षण की समस्याओं का सफलतापूर्वक समाधान किया जा सकता है। उन्होंने सभी आचार्य-दीदी को क्रियात्मक शोध को व्यवहारिकता में अपनाकर शैक्षिक समस्याओं को सुलझाने हेतु प्रेरित किया।
गोष्ठी के सफल आयोजन में इनका रहा योगदान
शोध गोष्ठी के सफल आयोजन में संकुल शोध प्रमुख मोनिका सिंह,मीडिया प्रभारी राजेन्द्र लाल बरनवाल एवं सभी आचार्य बंधु-भगिनी का महत्वपूर्ण योगदान रहा।