गिरिडीह : वैश्विक महामारी का रूप धारण कर चुकी कोरोना वायरस के बढ़ते प्रसार को देखते हुए देशव्यापी लॉकडाउन किया गया है। इसको लेकर गिरिडीह जिले में भी धारा 144 लागू है। वहीं COVID-19 से बचाव एवं रोकथाम हेतु जिला प्रशासन के द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं। इस महामारी से निपटने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा जिला स्तरीय रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है। उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने बताया कि जिला स्तर के साथ साथ प्रखंडों में भी रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है। प्रखंड स्तर पर भी सभी अधिकारियों को आवश्यक व उचित दिशा निर्देश दिया गया है।
उन्होंने बताया कि अगर ऐसी स्थिति आती है कि काफी संख्या में कोरोना संक्रमित व्यक्ति पाए जाते हैं तो उसी स्थिति में बहुत ज्यादा क्वॉरेंटाइन सेंटर एवं आइसोलेशन सेंटर की आवश्यकता होगी। जिले में काफी संख्या में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। कोविड-19 के रूप में नामित मीना अस्पताल भी है। जिले में आइसोलेशन सेंटर बढ़ाने हेतु प्राइवेट डॉक्टर के साथ बैठक कर अनुरोध किया गया है कि वे अपने-अपने हॉस्पिटल तथा नर्सिंग होम को आइसोलेशन सेंटर के रूप में तैयार करते हुए आगे के लिए पूरी तरह सजग रहें।
इसके लिए आवश्यकता अनुसार बेड, जांच, उपचार हेतु तैयारियां पूर्ण कर लें। इसके साथ ही कर्मियों को प्रशिक्षण दिए जाने, प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट पीपीई, मास्क की उपलब्धता सुनिश्चित कर लेने का निर्देश दिया गया है। इस संदर्भ में सभी प्राइवेट डॉक्टरों के द्वारा सहमति जताई गई। इसके अलावा उपायुक्त के द्वारा बताया गया कि लगातार ड्रग एसोसिएशन तथा मेडिकल टीम के साथ बैठक किया जा रहा है। जिले में किसी भी तरह के आवश्यक दवाइयों की कमी नहीं है। जो दवा जिले में उपलब्ध नहीं है उसे लाने हेतु दवा विक्रेताओं को बोकारो, रांची, धनबाद, जमशेदपुर के लिए स्पेशल पासेस दिया जा रहा है , ताकि जिले में दवा की कमी न हों।
बैठक में सिविल सर्जन, गिरिडीह, जिला आरसीएच पदाधिकारी, होली क्रॉस हॉस्पिटल के प्रतिनिधि, जीडी बगेड़िया सेवा सदन के प्रतिनिधि, नवजीवन नर्सिंग होम के प्रतिनिधि, आजाद नर्सिंग होम के प्रतिनिधि तथा जिला एवं प्रखंड स्तर के डॉक्टर उपस्थित थे।