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कोरोना से धराशायी हुई भारत की भावी पीढ़ी, यूनेस्को की रिपोर्ट के मुताबिक देश में 32 करोड़ छात्रों की शिक्षा हुई प्रभावित .

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85% माता पिता अपने बच्चो के भविष्य को लेकर डिप्रेशन में

कोरोना महामारी ने भारत की भावी पीढ़ी और शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह धराशायी कर दिया है. अंतराष्ट्रीय एजेंसी यूनेस्को ने अपनी रिपोर्ट जारी की है. इसमें बताया गया है कि भारत के 32 करोड़ छात्रों का जीवन महामारी ने पूरी तरह बदल दिया है. इससे उनकी शिक्षा व्यापक रूप से प्रभावित हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ठप हो चुके एजुकेशन सिस्टम और महामारी के आशंकाओं के बीच देश के 85% माता पिता अपने बच्चो के भविष्य को लेकर डिप्रेशन में है. उन्हें ये चिंता है कि कहीं महामारी के चक्कर में उनके बच्चो का भविष्य दांव पर ना लग जाए. अभिभावकों की चिंता ये भी है कि कहीं उनके बच्चे आने वाले समय में प्रतिस्पर्धाओ की दौड़ में काफी पीछे ना रह जाए. कई अभिभावकों को अपने बच्चो के शैक्षणिक सत्र के बर्बाद होने का डर सताने लगा है.

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हर पांच में से दो बच्चो के पास ऑनलाइन क्लास करने के लिए संसाधन नहीं 

रिपोर्ट में कहा गया है कि वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कुछ स्कूल ऑनलाइन क्लास तो करवा रहे है. मगर बच्चो को शिक्षा देने में वे कारगर साबित नहीं हो रहे है. इसकी वजह पिछड़ापन और घर में पढाई का माहौल ना रहना भी है. देश के हर पांच में से दो बच्चो के पास ऑनलाइन पढ़ाई करने के लिए जरूरी संसाधनों का घोर अभाव है. जिससे वे कोरोना काल में शिक्षा ग्रहण कर पाने से वंचित हो जा रहे है. वर्क फ्रॉम होम के वजह से भी कई अभिभावक घर में कंप्यूटर या लैपटॉप से अपना काम कर रहे है. जिससे बच्चो को संसाधन समय पर नहीं मिल पा रहा है.

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