गिरिडीह : शुक्रवार की रात बालमुकुंद फैक्ट्री में कार्यरत क्रेन ऑपरेटर राजेश कुमार राम के संदेहास्पद मौत के मामले में आंदोलन रविवार को जारी रहा। जिसके बाद प्रशासनिक स्तर पर वार्ता के परिजन शव लेने को तैयार हुए।
रविवार सुबह भाकपा माले, मोहल्ले के स्थानीय लोगों के साथ मिलकर परिजनों ने बालमुकुंद फैक्टरी गेट को जाम कर दिया गया। आंदोलन की अगुवाई भाकपा माले नेता राजेश कुमार यादव का राजेश सिन्हा के अलावे नगीना सिंह रोड के लोग कर रहे थे।
गौरतलब है कि शनिवार को शव के पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने मुआवजे और जांच की मांग को लेकर शव लेने से इंकार कर दिया था वहीं बालमुकुंद फैक्ट्री के कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए थे। रातभर वे कार्यालय के समक्ष ही जमे रहे। वहीं रविवार सुबह चतरो स्थित बालमुकुंद फैक्ट्री के गेट को जाम कर दिया।
सूचना के बाद सदर एसडीएम प्रेरणा दीक्षित के नेतृत्व में आंदोलनकारियों के साथ मुफ्फसिल थाने में एक वार्ता हुई। वार्ता में सदर एसडीएम के अलावे अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अनिल कुमार सिंह एवं मुफ्फसिल थाना प्रभारी रत्नेश मोहन ठाकुर तथा पीड़ित परिवार की ओर से माले नेता राजेश कुमार यादव एवं राजेश सिन्हा, मृतक के भाई राकेश कुमार आर्य, पिंटू राम आदि ने हिस्सा लिया।
मौके पर मृतक के परिजनों तथा माले नेताओं ने बालमुकुंद फैक्ट्री में ही घटना होने और सबूत मिटाने के लिए उसे सड़क पर फेंक देने का आरोप लगाया। वहीं इसके जांच के साथ 18 साल से फैक्ट्री में काम करने के बदले मुआवजे की मांग रखी।
सभी की बातों को सुनने के बाद प्रशासन की ओर से परिजनों द्वारा दिए गए आवेदन के आलोक में हर हाल में कार्रवाई का पूरा भरोसा दिलाते हुए ठेकेदार की ओर से ढाई लाख रुपये आर्थिक मदद की बात करते हुए मृतक के शरीर का दाह संस्कार कराने का आग्रह किया गया।जिसके बाद प्रशासन के प्रस्ताव पर विचार करने के उपरांत परिजन मृतक का शव लेने को तैयार हो गए।
मौके पर माले नेताओं ने कहा कि गिरिडीह में चल रही फैक्ट्रियों में क्या कुछ हो रहा है यह किसी से छुपा हुआ नहीं है। मजदूरों का शोषण चरम पर है। सरकारें बदलने के बावजूद परिस्थिति में कोई बदलाव नहीं हो रहा है। ऊपर से मोदी सरकार ने श्रम कानूनों में बदलाव करके और भी मजदूरों का हक मारने का काम किया है। प्रशासन के भरोसे के आलोक में बालमुकुंद फैक्ट्री से ही इस लड़ाई की शुरुआत होगी। मजदूरों का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।